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Updated March 29th, 2024 at 20:13 IST

19 साल पहले जब मुख्तार ने जेल से रची साजिश और वहीं से हत्याकांड की लाइव कमेंट्री- गोली चल रही है...

19 साल पहले जब मुन्ना बजरंगी ने कृष्णानंद राय को घेरकर उसकी हत्या को अंजाम दिया था, तो मुख्तार अंसारी जेल में हत्याकांड की लाइव कमेंट्री सुन रहा था।

Reported by: Sagar Singh
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Mukhtar Ansari Death : उत्तर प्रदेश के खूंखार माफिया और बाहुबली मुख्तार अंसारी का वही हाल हुआ जैसा उसने लोगों के साथ किया था। अपने आखिरी दिनों में मुख्तार अंसारी को मौत का डर सता रहा था। सत्ता के संरक्षण में फला-फूला मुख्तार एक वक्त खुद का अलग ही साम्राज्य चलाने लगा था। मुख्तार की अदालत में हर गुनाह का हिसाब गोली से हुआ, वो जेल में हो या फिर बाहर उसके आतंक और खौफ में कोई कमी नहीं आई। माफिया को जेल में ही घर जैसा माहौल मिलता था।

सितंबर, 2022 से लेकर पिछले 18 महीनों में आठ मामलों में अलग-अलग अदालतों ने मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई थी। गाजीपुर जिले में तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की 29 नवंबर, 2005 को हुई हत्या और वाराणसी में 22 जनवरी, 1997 को व्यापारी नंद किशोर रुंगटा उर्फ नंदू बाबू के अपहरण और हत्‍या के मामले में गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी। 29 अप्रैल, 2023 को गाजीपुर MP/MLA कोर्ट ने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।

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मर्डर की जेल में लाइव कमेंट्री सुन रहा था मुख्तार

19 साल पहले जब मुन्ना बजरंगी ने कृष्णानंद राय को घेरकर उसकी हत्या को अंजाम दिया था, तो मुख्तार अंसारी जेल में हत्याकांड की लाइव कमेंट्री सुन रहा था। जेल के अंदर मुख्तार को पल-पल की अपडेट पहुंच रही थी। रिपब्लिक भारत के हाथ एक ऑडियो लगा है। यह ऑडियो मुख्तार अंसारी और अभय सिंह के बीच हुई कॉल रिकॉर्डिंग बताया जा रहा है।

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काट लीन्ही चुटिया...

विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बारे में मुख्तार अंसारी ने अभय सिंह को जेल से बताया था। खास बात ये है कि दोनों उस वक्त जेल में थे और अभय सिंह ने किसी डील के बारे में बात करने के लिए मुख्तार अंसारी को फोन लगाया था। मुख्तार ने फोन कॉल पर कहा- चूटिया काट लीन्ही…

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अभय सिंह, पूर्व विधायक - हम अभय बोल रहे हैं...
मुख्तार अंसारी- बोला ठाकुर...
अभय सिंह - भाईया एक जमीन थी जिसमें रिजवान भाई से बात हुई थी, सब लोग आए थे... उसमें बीच में मामला बिगड़ गया था। 
मुख्तार अंसारी- हां थोड़ा बदमाशी वो किया है। सब छोड़ो अभी, अभी यहां पर पता चला है गोली चल रही है मुन्ना बजरंगी और कृष्णानंद राय में...
अभय सिंह - अच्छा!
मुख्तार अंसारी - ये सुनने में आया है।
अभय सिंह - अच्छा, कहां पर? 
मुख्तार अंसारी- कृष्णानंद राय के गांव पर, दोनों तरफ से मुकाबला चल रहा है।
अभय सिंह - हां-हां... बराबर गोली चल रही है?
मुख्तार अंसारी- हां
अभय सिंह - एक तरफा?
मुख्तार अंसारी- जय श्रीराम...
अभय सिंह - अच्छा... ओके  
मुख्तार अंसारी - हेलो
अभय सिंह - हां-हां
मुख्तार अंसारी - काट लीन्ही चुटिया... मुठ्ठी में
अभय सिंह - ठीक है, ठीक है। अब हम रख रहे है... बाद में बात होगी।

एक इशारे में समझ गया था अभय सिंह

प्रभावशाली ब्राह्मण नेता कृष्णानंद राय के सीने में करीब 67 गोलियों पार कई थी। गोलियों के खोखो का सड़क पर ढेर लग गया था। मुख्तार ने अभय सिंह को कहा था चूटिया काट लीन्ही। ये इशारा था कि कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई है। कृष्णानंद राय चूटिया रखते थे। पूर्व विधायक अभय सिंह मुख्तार अंसारी का इशारा तुरंत समझ गया और फोन पर ज्यादा बात नहीं करना चाहते था, लेकिन मुख्तार इतना खुश था कि उत्तेजित था कि सारी बात खुद ही बोलने लगा।

सैदपुर थाने में दर्ज हुआ पहला मुकदमा

साल 1963 में एक प्रभावशाली परिवार में जन्मे मुख्तार अंसारी ने राज्य में पनप रहे सरकारी ठेका माफियाओं में खुदको और अपने गिरोह को स्थापित करने के लिए अपराध की दुनिया में प्रवेश किया। साल 1978 की शुरुआत में महज 15 साल की उम्र में अंसारी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। अंसारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत गाजीपुर के सैदपुर थाने में पहला मामला दर्ज किया गया था। अगले एक दशक में वह अपराध की दुनिया में कदम जमा चुका था और उसके खिलाफ जघन्य अपराध के तहत कम से कम 14 और मामले दर्ज हो चुके थे।

1996 में पहला चुनाव

हालांकि अपराध में बढ़ता अंसारी का कद राजनीति में उसके प्रवेश में बाधा नहीं बना। अंसारी पहली बार 1996 में मऊ से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर विधायक चुना गया था। उसने 2002 और 2007 के विधानसभा चुनावों में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर अपनी जीत का सिलसिला कायम रखा। साल 2012 में अंसारी ने कौमी एकता दल (क्यूईडी) बनाया और मऊ से फिर से जीत हासिल की। 2017 में फिर मऊ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। साल 2022 में मुख्तार ने अपने बेटे अब्बास अंसारी के लिए सीट खाली कर दी, जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर इस सीट से चुनाव जीता।

19 साल से जेल में था मुख्तार

मुख्तार पिछले 19 सालों से उत्तर प्रदेश और पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद रहा। साल 2005 से जेल में रहते हुए उसके खिलाफ हत्या और गैंगस्टर अधिनियम के तहत 28 मामले दर्ज थे और सितंबर 2022 से आठ आपराधिक मामलों में उसे दोषी ठहराया गया था। फिलहाल मुख्तार अंसारी पर अलग-अलग अदालतों में 21 मुकदमे लंबित थे।

(भाषा इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत डेस्क)

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ये भी पढ़ें: मुख्तार अंसारी की मौत पर सियासत कर रहे विपक्ष को अनुराग ठाकुर का जवाब, कहा- हर बात पर राजनीति ठीक नहीं

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Published March 29th, 2024 at 20:13 IST

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