Updated May 7th, 2024 at 13:25 IST
केजरीवाल को मिल जाएगी जमानत? सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा- वो दिल्ली के CM हैं, इनके खिलाफ कोई केस...
अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान ED ने विरोध किया।
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Arvind Kejriwal: दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाला केस में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। मंगलवार को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ सुनवाई के दौरान केजरीवाल को जमानत देने के पक्ष में दिखाई दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि चुनाव का मौसम है। ये असाधारण स्थिति है और वो दिल्ली के CM हैं। हम असाधारण मामले में अंतरिम जमानत देते रहे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में अभी सुनवाई चल रही है और 2 बजे फैसला आ सकता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि उन्हें यह कहने का हक है कि गिरफ्तारी चुनाव से ठीक पहले हुई थी। राजनीतिक लोगों के साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता और हम इस पर सहमत हैं। जस्टिस संजीव खन्ना कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय में है। हम कह सकते हैं कि गिरफ्तारी सही थी। फिर भी अंतरिम जमानत दे सकते हैं और फिर खुद को सुधार सकते हैं।
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केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं- SC
केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान केंद्रीय एजेंसी ED ने जमानत का खूब विरोध किया। ईडी की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई केस नहीं हैं। केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं।
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हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते और अगर मैं आपको (केजरीवाल) अंतरिम जमानत देता हूं, तो आपका कार्यालय में उपस्थित होना कितना उचित है। इसके कई प्रभाव हो सकते हैं। अरविंद केजरीवाल से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हम आपको अंतरिम जमानत देते हैं और आप CM के तौर पर ऑफिशियल ड्यूटी करते हैं तो ये कनफ्लिक्ट हो।
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'अगर चुनाव नहीं होते तो कोई अंतरिम राहत नहीं मिलती'
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से कहा कि अगर वो केजरीवाल को अंतरिम जमानत देता है तो वो नहीं चाहता कि वो आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें, क्योंकि इससे कहीं न कहीं टकराव पैदा होगा। हम सरकार के कामकाज में बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं चाहते। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर चुनाव नहीं होते तो कोई अंतरिम राहत नहीं मिलती।
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ED ने किया जमानत का विरोध
सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर ईडी ने जमकर विरोध किया है। SG तुषार मेहता ने कहा कि वो (अरविंद केजरीवाल) मेडिटेशन पर गए। 6 महीने तक समन टालते रहे। अगर पहले सहयोग करते तो हो सकता था कि गिरफ्तारी ही ना होती। विरोध जताते हुए SG तुषार मेहता ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत से कोई गलत संदेश नही जाना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो ये दुर्भाग्यपूर्ण होगा। SG तुषार मेहता ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि क्या कोई सीएम है ऐसा नहीं हो सकता। क्या हम राजनेताओं के लिए अपवाद बना रहे हैं? क्या चुनाव के लिए प्रचार करना ज्यादा महत्वपूर्ण होगा।
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SG मेहता ने कहा कि आप इसको अपवाद मत बनाइए। ये एक आम आदमी को हतोत्साहित करेंगे। यानी अगर आप CM हैं तो आपको अलग ट्रीटमेंट मिलेगा। अगर ऐसा हुआ तो देश का हर नागरिक जमानत मांगते हुए याचिका दाखिल करेगा। तुषार मेहता का कहना है कि कई फैसले हैं, जिसमें जमानत देते हुए अदालत ने राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने को मना किया है। अरविंद केजरीवाल गंभीर मामले में आरोपी हैं। SG मेहता ने कहा कि RP एक्ट कहता है कि राइट टू वोट भी निलंबित हो जाता है, अगर आप न्यायिक हिरासत में रहते हैं तो। आप नेताओं को एक अलग क्लास में मत रखें। कानून की नजर में सभी समान हैं। इन्हें अलग क्लास मत बनाइए।
SG मेहता का कहना है कि जिन फैसलों का हवाला दिया जा रहा है, वो सभी अंतिम आदेश थे। उनका कहना है कि ये मेरा मौलिक अधिकार है, लेकिन भोजन का अधिकार भी मौलिक अधिकार है। बड़ी संख्या में लोग जेल में सड़ रहे हैं। क्या आम आदमी का अधिकार कम है? तुषार मेहता ने कहा कि पहले दिल्ली चुनाव की बात होती थी, अब वो (केजरीवाल) पंजाब चुनाव की बात करने लगे हैं। कृपया राजनीतिक नेताओं को अलग वर्ग मत बनाइए। जेल में कंपनियों के एमडी हैं, वो कह सकते हैं कि कंपनी दिवालिया होने जा रही है और अंतरिम जमानत मांग सकते हैं।
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Published May 7th, 2024 at 13:12 IST
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