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Updated May 10th, 2024 at 20:35 IST

लोकसभा चुनाव 2024: राजनीतिक बयानबाजी से खफा राजपूत समाज, दिगराज सिंह ने याद दिलाया ऐतिहासिक गौरव

लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान नेता विरोधी पार्टी पर हमला करने के लिए ऐसी शब्दावली का इस्तेमाल करते है, जिनसे लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचती है।

Digraj Singh Shahpura
राजनीतिक बयान से राजपूत समाज खफा | Image:X
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Rajput Society Upset With Political Rhetoric: इन दिनों देशभर में चुनावी बयार चल रही है। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान जारी है। जिसे लेकर राजनातिक पार्टियां भी काफी सक्रिय हैं और जगह-जगह रैली और जनसभाएं कर रही हैं। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान 13 मई 2024 दिन सोमवार को होना है। ऐसे में बीजेपी और इंडी गठबंधन जोर-शोर से चुनावी प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं और एक दूसरे पर जमकर कटाक्ष कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान नेता विरोधी पार्टी पर हमला करने के लिए ऐसी शब्दावली का इस्तेमाल करते है, जिनसे लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचती है।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीते कई दिनों से राजपूत समाज को लेकर कई राजनीतिक पार्टियां तरह-तरह के बयान दे रही हैं, जिससे राजपूत समाज में नाराजगी है। लोकप्रिय समाजसेवी और राजस्थान की अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (ABKM) के अध्यक्ष दिगराज सिंह शाहपुरा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

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देश के लिए हमारे पूर्वजों ने दिया बलिदान

दिगराज सिंह शाहपुरा ने अपने एक बयान में कहा कि देश की संस्कृति और सभ्यताओं की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने अपना बलिदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘वो लड़े थे, मरे थे, कटे थे लेकिन कभी पीछे नहीं हटे। जिन्होंने प्रजा को सदैव ईश्वर रूप में पूजा उनकी रक्षा के लिए अपने प्राण , आत्मसम्मान और परिवार तक को न्योछावर कर दिया, जिन्होंने प्रजा की रक्षा के लिए अपने रक्त को पानी के मोल से सस्ता कर दिया। ऐसे वीरों के लिए इस्तेमाल किए गए अपशब्दों की मैं कड़ी निंदा करता हूं।’

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'देश के लिए जान हथेली पर लेकर चलते थे ऐसा है हमारा इतिहास'

उन्होंने आगे कहा, ‘वे यह भूल रहे हैं कि आज भी इस देश में जब उस पल को याद किया जाता है, तो पता चलता है कि जिन राजा महाराजाओं पर वे टिप्पणी कर रहे हैं, उनके परिवार में 18 वर्ष से अधिक की आयु के युवा नहीं मिलते थे क्योंकि वह अपनी धरती मां और प्रजा की रक्षा के लिए अपने प्राणों को हथेली पर लेकर चलते थे। अपने आप को तप कि भांति समर्पित कर दुश्मन आक्रांताओं से लड़ते हुए अपने प्राणों को न्योछावर कर देते थे। उस प्रत्येक मातृशक्ति ने अपना सम्पूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया, उस प्रत्येक पीढी को तैयार करने में जिन्हें सदैव यही सिखाया गया की धरती तुम्हारी मां है। इसका इंच-इंच भी दुश्मन के हाथ नहीं जाना चाहिए। हमारा इतिहास, रक्त रंजित है। खून पिलाया है इस धरती को हमने।’

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'मांगनी होगी माफी'

दिगराज सिंह आगे कहते हैं, ‘आज कोई भी आकर अनावश्यक टिप्पणी करके अपने विवादित बयानों से केवल जनता को भ्रमित कर वोटों की राजनीति कर रहा है। ऐसी स्थिति में आवश्यक है। इन्हें वह सब याद दिलाना जो यह भूल चुके हैं, क्योंकि इन्होंने अपने सिवा जिसका गुणगान किया है, लिखा है और बाकी सब को पढ़ाया है। वे इनके करीबी आक्रांत जिन्होंने इस धरती को लूटपाट और आतंक के साये में पिरोया उनकी ही वाह वाही मैं अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर बिताया है। या यूं कहे बीता रहे है। लेकिन अब सारी हदें पार हो गई हैं इस प्रकार के अमर्यादा पूर्ण शब्दों की बयानबाजी हमारा देवतुल्य समाज हमारा परिवार नहीं सहेगा। इसका मुह तोड़ जवाब दिया जायेगा। यह चुनौती दे रहे हैं। उस विचार परिवार के सदस्यों को जिन्होंने सदैव अपनी मातृभूमि और प्रजा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। इन्हें मांफी मांगनी होगी सभी से।’

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published May 10th, 2024 at 20:16 IST

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