Updated April 27th, 2024 at 16:01 IST
धनंजय सिंह की सजा रहेगी बरकरार, इलाहाबाद HC ने सुनाया बड़ा फैसला; फिलहाल दी जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धनंजय सिंह को बड़ा झटका देते हुए सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने बाहुबली धनंजय को जमानत जरूर दे दी है।
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Dhananjay Singh: जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह को उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि एक बड़ा झटका भी पूर्व सांसद को लगा है। हाईकोर्ट ने बाहुबली धनंजय सिंह को लेकर जौनपुर स्पेशल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। साथ ही धनंजय सिंह को दी गई 7 साल की सजा को स्थगित करने से इनकार कर दिया है। बाहुबली धनंजय सिंह अभी बरेली की सेंट्रल जेल में बंद हैं, जिन्हें जौनपुर से शिफ्ट किया गया है।
जौनपुर की एक स्थानीय अदालत ने 6 मार्च 2024 को 4 साल पुराने एक मामले में धनंजय सिंह को दोषी ठहराया था। जौनपुर की कोर्ट ने पूर्व सांसद 7 साल की कैद के अलावा 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। धनंजय सिंह ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। फिलहाल धनंजय सिंह की क्रिमिनल अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला सुनाते हुए सजा पर रोक से इनकार किया है। याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने 24 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था।
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क्या है वो मामला, जिसमें मिली थी धनंजय को सजा
मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइनबाजार पुलिस स्टेशन में धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम के खिलाफ अपहरण, जबरन वसूली, साजिश और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप था कि विक्रम ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर सिंघल का अपहरण कर लिया। उन्हें पूर्व सांसद के आवास पर ले गए, जहां धनंजय सिंह पिस्तौल लेकर आए। अभिनव सिंघल के साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर दबाव डाला गया। मना करने पर धमकी दी गई और पैसे की भी मांग की गई।
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पूर्व सांसद को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। कोर्ट ने धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम को 'नमामि गंगे' के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी के मामले में दोषी करार दिया था। उसके बाद सजा का ऐलान किया था।
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धनंजय कर चुके थे चुनाव लड़ने की तैयारी
जमानत मिलने पर भी धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने की संभावनाएं बहुत कम हैं। वो इसलिए कि अदालत ने 7 साल सजा का फैसला बरकरार रखा है। सजा से पहले वो जौनपुर से फिर चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे। धनंजय सिंह जौनपुर से सांसद रह चुके हैं। 2009 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर उन्होंने चुनाव जीता था। 2011 में बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों में धनंजय को पार्टी से निकाल दिया था। अभी वो नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में हैं। जब धनंजय सिंह को जेल हो चुकी है तो उनकी पत्नी श्रीकला सिंह पर मायावती ने दांव लगा दिया है। श्रीकला सिंह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जौनपुर से प्रत्याशी हैं।
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Published April 27th, 2024 at 12:30 IST
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