Updated April 18th, 2024 at 23:08 IST
उड़ेगी ड्रैगन की नीदें! फिलिपींस की धरती पर उतरेगी भारत की ब्रह्मोस मिसाइल; जानिए कब पहुंचेगी?
Brahmos मिसाइल के लिए भारत ने फिलीपींस के साथ जनवरी 2022 में एक डील साइन की थी, जो 375 मिलियन डॉलर की थी।
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BrahMos missiles: समय-समय पर परेशानी बढ़ाने वाले चीन को चेक-मेट करने का प्लान अब भारत ने तैयार कर लिया है। जिस तरह से चीन पड़ोसी पाकिस्तान को सैन्य मदद उपलब्ध कराकर उसे मजबूत करता है। भारत ने भी अब उसे उसकी भाषा में जवाब देने की ठान ली है। इसी के तहत अब भारत, चीन के पड़ोसी देश की ताकत बढ़ा रहा है और उसे अपना 'बह्मास्त्र' देने की तैयारी में है।
यहां बात हो रही है भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की, जिसकी पहली खेप चंद घंटों में फिलीपींस पहुंचने वाली हैं। जी हां, शुक्रवार (19 अप्रैल) को ब्रह्मोस मिसाइलों और लॉन्चरों की पहली खेप फिलीपींस पहुंच जाएगी।
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कल सुबह पहुंचेगी फिलीपींस
भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर और रूसी आईएल-76 परिवहन विमानों की मदद से इन मिसाइल को फिलीपींस पहुंचाया जाएगा। दक्षिण चीन सागर के ऊपर से उड़ान भरेंगी और शुक्रवार सुबह फिलीपींस की राजधानी मनीला पहुंचेंगी। हालांकि खबरों की मानें तो इसका पूरा सिस्टम अगले हफ्ते तक एक्टिव होगा।
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2022 में हुई थी डील
ब्रह्मोस मिसाइल के लिए भारत ने फिलीपींस के साथ जनवरी 2022 में एक डील साइन की थी, जो 375 मिलियन डॉलर की थी। इस मिसाइल के शामिल होने से फिलीपींस की सेना की ताकत बढ़ जाएगी। दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाकों में चीन की आक्रामकता को नियंत्रित करने में मदद करेगी।
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बता दें कि दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को DRDO और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया ने मिलकर बनाया। ब्रह्मोस के 85 फीसदी पार्ट भारत में ही बनाए गए है।
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी की जा रही उसकी स्पीड 2.8 मैक और मारक क्षमता 290 किलोमीटर है। मिसाइल की पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से लॉन्च की जा सकती है। साथ ही यह काफी कम ऊंचाई पर उड़ती है। वहीं, उड़ते वक्त अचानक अपना रास्ता भी बदल सकती है। इसके चलते मिसाइल को ट्रैक कर पाना मुश्किल है। जान लें कि भारत ने लद्दाख- अरुणाचल में इसी मिसाइल को तैनात किया है।
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Published April 18th, 2024 at 23:08 IST
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