अपडेटेड 1 May 2024 at 18:59 IST

आजमगढ़ सीट से BJP उम्मीदवार निरहुआ बोले- हारने के बाद भी और जीतने के बाद भी... मेरी यही गारंटी है

आजमगढ़ से मौजूदा सांसद और बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने कहा कि आजमगढ़ की जनता ने देखा है कि 2019 में हम हारे तब भी हमने यहां रहकर काम किया।

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Dinesh lal Yadav Nirahua
दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' Caption | Image: Instagram

Lok Sabha Election : लोकसभा चुनाव के लिए रणभेरी बज चुकी है। दो चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। बाकी के चरणों के लिए पार्टियां पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं। लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण सूबा उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर मुकाबला कांटे का होने जा रहा है। उन्हीं में से एक सीट है आजमगढ़।

आजमगढ़ से मौजूदा सांसद और बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने कहा कि आजमगढ़ की जनता ने देखा है कि 2019 में हम हारे तब भी हमने यहां रहकर काम किया। 2022 में हम जीते तब भी हमने आजमगढ़ में रहकर काम किया। यही गारंटी है कि हम हारने के बाद भी और जीतने के बाद भी आजमगढ़ में रहते हैं। यहां जो विकास की गंगा बही है उसे हम रुकने नहीं देंगे। फिर से यहां कमल खिलेगा।

आजमगढ़ में फिर एक बार निरहुआ VS धर्मेंद्र यादव

समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ से चुनाव मैदान में उतरने के बाद एक बार फिर ये सवाल खड़ा हो गया कि क्या सपा इस सीट को दोबारा वापस ले पाएगी या दिनेश लाल यादव उर्फ 'निरहुआ' एक बार फिर कमल खिलाकर पीएम मोदी के हाथों को मजबूत करेंगे। चुनाव में एक बार फिर निरहुआ vs धर्मेंद्र यादव की जंग देखने को मिलेगी।

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साल 2022 में हुए उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी के दिनेश लाल यादव ने अखिलेश यादव के प्रतिनिधि के रूप में चुनाव लड़ने वाले धर्मेंद्र यादव को 8 हजार वोटों से हरा दिया था। अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद आजमगढ़ की सीट को छोड़ दिया था।

क्या रहा उपचुनाव का नतीजा?

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2022  में हुए उपचुनाव में बीजेपी के दिनेश लाल यादव समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव को 8 हजार वोटों से हराया था। निरहुआ को उपचुनाव में 3 लाख 12 हजार वोट मिले थे तो धर्मेंद्र यादव को 3 लाख 4 हजार वोट मिले। इसके अलावा बहुजन समाजवादी पार्टी के शाह आलम गुड्डू जमाली को 2 लाख 66 हजार वोट हासिल किए थे।

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2019 में आजमगढ़ का चुनाव परिणाम

2019 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो इस यादव-मुस्लिम बाहुल सीट पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ी जीत हासिल की थी। उन्हें 6 लाख 21 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर बीजेपी के दिनेश लाल यादव रहे, जिन्हें 3 लाख 61 हजार वोट मिले थे। 2019 में सपा-बसपा एक साथ चुनाव लड़ी थी, जिसका सीधा फायदा इस सीट पर अखिलेश यादव को हुआ था।

क्या कहता है आजमगढ़ का जातीय समीकरण?

आजमगढ़ की कुल आबादी 46.13 लाख बताई जाती है। आजमगढ़ के अंतर्गत विधानसभा की कुल 10 सीटें आती हैं। आजमगढ़ में यादव मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है, जो करीब 26 फीसदी हैं। उसके बाद मुस्लिम मतदाता यहां बड़ी भूमिका में हैं। इनकी संख्या करीब 24 फीसदी है। मुस्लिम-यादव के बाद ओबीसी और दलित वर्ग आबादी आजमगढ़ में रहती है। बताया जाता है कि आजमगढ़ में राजभर मतदाता भी 80 हजार के करीब हैं।

आजमगढ़ में कब होगी वोटिंग?

आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 25 मई यानी छठवें चरण में मतदान होगा। 46 लाख से ज्यादा आबादी वाली इस लोकसभा में कमल खिलेगा या फिर साइकिल दौड़ेगी ये तो 4 जून को ही पता चलेगा। बहरहाल, दोंनों की उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। 

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 1 May 2024 at 18:59 IST