Updated May 8th, 2024 at 23:13 IST
CBI ने आरएमएल अस्पताल में घूसखोरी का किया भंडाफोड़, 2 डॉक्टर समेत 9 लोग गिरफ्तार
सीबीआई ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में घूसखोरी का भंडाफोड़ करते हुए दो वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया।
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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बुधवार को एक बड़े घूसखोरी का भंडाफोड़ करते हुए दो वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर अजय राज और सहायक प्रोफेसर पर्वत गौड़ा चन्नप्पागौड़ा को चिकित्सा उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं से उनके उत्पादों और स्टेंट का उपयोग करने के एवज में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
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अधिकारियों के मुताबिक सीबीआई ने नागपाल टेक्नोलॉजीज के चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ता नरेश नागपाल को गिरफ्तार किया है, जिसे उसकी कंपनी के चिकित्सा उपकरणों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए पर्वत गौड़ा को 2.48 लाख रुपये का भुगतान करना था।
उन्होंने दावा किया कि भारती मेडिकल टेक्नोलॉजीज के भरत सिंह दलाल जिन्होंने यूपीआई का उपयोग करके अजय राज को कई बार रिश्वत दी। अबरार अहमद जिसने अस्पताल में 'कैथ लैब' प्रभारी रजनीश कुमार को रिश्वत दी।
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उन्होंने बताया कि रजनीश कुमार के साथ-साथ लिपिक भुवल जायसवाल, संजय कुमार और विकास कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। एजेंसी ने दावा किया गया कि पर्वतगौड़ा ने 23 अप्रैल को अबरार अहमद से रिश्वत की राशि का यथाशीघ्र भुगतान करने को कहा क्योंकि वह गर्मी की छुट्टियों में यूरोप जाने वाले थे। सीबीआई ने आरोप लगाया कि अहमद ने इससे पहले मार्च में पर्वतागौड़ा के पिता बसंत गौड़ा के खाते में 1.95 लाख रुपये की राशि जमा कराई थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि भुवल जायसवाल ने चिकित्सकों से मुलाकात कराने के लिए रिश्वत ली, जबकि संजय कुमार ने फर्जी चिकित्सा प्रमाणपत्रों के लिए रिश्वत ली। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को यहां एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 14 मई तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
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सीबीआई के मुताबिक चिकित्सा उपकरणों के कुछ अन्य आपूर्तिकर्ता और अस्पताल कर्मचारी जांच के दायरे में हैं और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है। प्रतिष्ठित अस्पताल में कई स्तरों पर चल रही कथित घूसखोरी में सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी भ्रष्टाचार के कई उदाहरणों को उजागर करती है।
सीबीआई की प्राथमिकी में दावा किया गया कि लिपिकों और नर्सों ने अजय राज और पर्वत गौड़ा चन्नप्पागौड़ा को 20,000 रुपये का भुगतान नहीं करने पर एक गर्भवती महिला को बाहर निकालने की धमकी दी थी, जो कथित तौर पर चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं से लाखों रुपये ले रहे थे।
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सीबीआई ने प्राथमिकी में 11 व्यक्तियों और चार फर्मों को नामित किया है, जिनमें छह अस्पताल कर्मचारी, एक बिचौलिया और चार चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। हाल के दिनों में चिकित्सकों और चिकित्सा उपरकणों के आपूर्तिकर्ताओं के बीच सांठगांठ के खिलाफ यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।सीबीआई ने पिछले साल सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन मनीष रावत को चिकित्सा उपरकणों के आपूर्तिकर्ताओं से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published May 8th, 2024 at 23:13 IST
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