Advertisement

Updated May 10th, 2024 at 21:10 IST

Srikanth Review: हंसाएगी, रुलाएगी और संघर्ष का कराएगी एहसास, जानिए कैसी है राजकुमार राव की श्रीकांत?

Movie Review: फिल्म श्रीकांत के बचपन से लेकर उसके संघर्षों को बेहतरीन ढंग से दर्शाती है और हमें एक सच्ची कहानी बताती है जो निश्चित रूप से प्रेरणादायक है।

Srikanth Movie Review
श्रीकांत मूवी रिव्यू | Image:IANS
Advertisement

Srikanth Review: राजकुमार राव स्टारर 'श्रीकांत' आज 10 मई, 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह दृष्टिबाधित उद्योगपति श्रीकांत बोला की वास्तविक जीवन पर आधारित फिल्म है। तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में राजकुमार राव के अलावा, ज्योतिका, अलाया एफ और शरद केलकर लीड रोल में हैं।

फिल्म में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के एक घर में एक लड़के का जन्म होता है। खेती करने वाला पिता (श्रीनिवास बीसेट्टी) बेटे होने की खुशी मनाते हैं और उसका चेहरा देखे बिना क्रिकेटर कृष्णमाचारी श्रीकांत के नाम पर उसका नाम रख देते हैं। लेकिन उन्हें धक्का तब लगता है, जब पता चलता है कि उनका बच्चा नेत्रहीन है। ऐसे में आसपास के लोग उसे सलाह देते हैं कि वह उसे अभी मार दे, नहीं तो जीवन भर ये कष्ट में रहेगा और माता-पिता को भी कष्ट देता रहेगा। ऐसे में पिता उसे जिंदा गाड़ने के लिए जाता है, मगर गाड़ नहीं पाता। गलती का एहसास होने वह खूब पछताता है और उसे खूब पढ़ाने का फैसला करता है।

Advertisement

श्रीकांत काफी प्रतिभाशाली है। वह तेज दिमाग के चलते अपने स्कूल के 'नॉर्मल' बच्चों से ज्यादा होशियार है। वहीं पड़ोस के बच्चे उसके दिव्यांग होने पर उसका मजाक उड़ाते हैं, लेकिन वह चुप रहता है और सब कुछ सहन करता है। उसका आत्मविश्वास तब बढ़ जाता है जब उसे हैदराबाद में एक स्कूल में भेजा जाता है। यहां उसकी मुलाकात अपनी टीचर (ज्योतिका) से होती है, जो उसकी काफी मदद करती है। वह उसके साथ चट्टान की तरह खड़ी रहती है।

देवकी उसे रास्ते में आने वाली हर चुनौतियों का डटकर सामना करने के लिए प्रोत्साहित करती है। युवा छात्र को अपनी शिक्षा के दौरान कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। पहला मामला तब सामने आता है, जब उसके स्कूल ने नेत्रहीन होने की वजह से उसे साइंस स्ट्रीम में दाखिला देने से इनकार कर दिया। ऐसे में ज्योतिका एक वकील को नियुक्त करती है और एजुकेशन सिस्टम पर केस कर देती है, इसमें उसे जीत भी मिलती है। अदालत में वकील तर्क देता है कि श्रीकांत में न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम का विश्लेषण करने की काफी क्षमता है। इसे साबित करने के लिए वह अपनी छड़ी को फर्श पर गिराकर प्रदर्शित करता है कि वह छड़ी को गिरते हुए नहीं देख सकता, लेकिन उसकी गति को सुन सकता है। बचाव पक्ष के वकील अपनी दलील यह कहकर खत्म करते हैं कि न्यूटन ने सेब को गिरते देखा था और इस तरह गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज की थी।

Advertisement

इसके बाद श्रीकांत को अमेरिका में एमआईटी में एडमिशन मिलता है, लेकिन अकेले ट्रैवल करने की वजह से उसे विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाती, जिसके बाद वह पूरे हवाई जहाज से लेकर उसके एग्जिट गेट और वॉशरूम तक के बारे में अपने ज्ञान को प्रदर्शित करता है। उसने एमआईटी के स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में अपनी छाप छोड़ी, वह अपनी क्लास के सबसे प्रतिभाशाली छात्रों में से एक के रूप में सामने आया। वह अपने जैसे अन्य दृष्टिबाधित युवाओं के लिए नौकरी के अवसर पैदा करने के लिए 2012 में भारत वापस आया। उसने बोलांट इंडस्ट्रीज खड़ी कर दी।

यह फिल्म श्रीकांत के बचपन से लेकर उसके संघर्षों को बेहतरीन ढंग से दर्शाती है और हमें एक सच्ची कहानी बताती है जो निश्चित रूप से प्रेरणादायक है। यह स्कूल में श्रीकांत के 98 प्रतिशत नंबर लाने से लेकर आईआईटी में एडमिशन से वंचित होने के बाद एमआईटी में पहले दृष्टिबाधित अंतरराष्ट्रीय छात्र के रूप में चुने जाने तक की दृढ़ता और उपलब्धि की एक असाधारण कहानी है।

Advertisement

श्रीकांत के रूप में राजकुमार राव अविश्वसनीय रूप से प्रभावशाली हैं। उनके हाव-भाव, शारीरिक भाषा और भाषण पूरी तरह से किरदार की आवश्यकताओं से मेल खाते हैं।

फिल्म में टीचर के रूप में ज्योतिका ने काफी अच्छी एक्टिंग की है। एक उद्योगपति दोस्त के रूप में शरद केलकर की प्रभावशाली उपस्थिति है। बैकग्राउंड में कुछ गाने भी हैं ।

Advertisement

तुषार हीरानंदानी, जिनकी निर्देशक के रूप में पिछली फिल्में ओटीटी प्लेटफार्मों पर 'सांड की आंख' और 'स्कैम 2023' थीं, ऐसा लगता है कि वह श्रीकांत की प्रेरक कहानी की तुलना में अपने अभिनेता से ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

फिल्म: श्रीकांत

Advertisement

अवधि: 134 मिनट

निर्देशक: तुषार हीरानंदानी

Advertisement

कलाकार: राजकुमार राव, ज्योतिका, अलाया एफ और शरद केलकर

कैमरा: प्रथम मेहता

Advertisement

संगीत: तनिष्क बागची, आनंद मिलिंद

अवधि: 134 मिनट

Advertisement

आईएएनएस रेटिंग: 3 स्टार

यह भी पढ़ें: मौत से 10 दिन पहले सुशांत सिंह राजपूत से हुई थीं मनोज बाजपेयी की बात, बताया किस चीज से थे परेशान?

Advertisement

 

Advertisement

Published May 10th, 2024 at 21:10 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo