Advertisement

Updated April 21st, 2024 at 13:04 IST

'संतों का संबंध कमल से, ये फूल BJP का चुनाव चिह्न भी', PM मोदी ने दिया बयान

PM नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र का बड़ा उत्सव जारी है और देश का मानना है कि यहां से भविष्य की नयी यात्रा भी शुरू होगी।

Reported by: Digital Desk
pm narendra modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | Image:@bjp4india/x
Advertisement

PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत दुनिया के सामने मौजूद समस्याओं के समाधान के तौर पर सच्चाई एवं अहिंसा के मंत्रों को आत्मविश्वास के साथ पेश कर रहा है और उसकी सांस्कृतिक छवि भी इसमें अहम भूमिका निभा रही है। मोदी ने यहां भगवान महावीर के 2,550वें निर्वाण महोत्सव के अवसर पर पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने पर ऐसे समय में विरासत के साथ-साथ भौतिक विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया जब देश निराशा में डूबा हुआ था।

उन्होंने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र का बड़ा उत्सव जारी है और ‘‘देश का मानना है कि यहां से भविष्य की नयी यात्रा भी शुरू होगी।’’ मोदी ने अपनी सरकार द्वारा योग और आयुर्वेद जैसी भारतीय विरासत को बढ़ावा दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि देश की नयी पीढ़ी अब मानती है कि स्वाभिमान ही उसकी पहचान है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की समस्याओं के समाधान के रूप में सत्य और अहिंसा के मंत्र को वैश्विक स्तर पर अब आत्मविश्वास के साथ पेश कर रहा है।

Advertisement

दुनिया को भारत से शांति की राह दिखाने की उम्मीद- PM

मोदी ने कहा कि दुनिया को भारत से शांति की राह दिखाने की उम्मीद है और इसकी वजह देश की बढ़ती ताकत एवं विदेश नीति बताई जाती है, लेकिन इसमें इसकी सांस्कृतिक छवि ने भी बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक संघर्षों के समय में तीर्थंकरों, श्रद्धेय आध्यात्मिक जैन गुरुओं की शिक्षाएं और भी अधिक प्रासंगिक हैं। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि उन्हें सुबह-सुबह मतदान करना चाहिए। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि संतों का संबंध कमल से होता है जिसका इस्तेमाल प्राय: पवित्र आयोजनों में किया जाता है और यह फूल भाजपा का चुनाव चिह्न भी है।

Advertisement

'अमृतकाल का विचार भारत की आध्यात्मिक प्रेरणा'

मोदी ने कहा कि यह आयोजन एक दुर्लभ अवसर है और यह ‘अमृत काल’ की शुरुआत में हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश आजादी के शताब्दी वर्ष को ‘स्वर्णिम शताब्दी’ बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘अमृत काल’ का विचार केवल एक संकल्प नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक प्रेरणा है। मोदी ने कहा कि भारत न केवल सबसे पुरानी जीवित सभ्यता है बल्कि मानवता के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल भी है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘भगवान महावीर का शांति, करुणा और बंधुत्व का संदेश सभी के लिए महान प्रेरणा का स्रोत है।’’

Advertisement

(PTI-भाषा इनपुट)

Advertisement

Published April 21st, 2024 at 13:04 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo