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Updated May 8th, 2024 at 12:01 IST

कभी मायावती ने कराई थी भतीजे आकाश आनंद की ग्रैंड एंट्री, अब छीनी विरासत! क्यों हुए बसपा में मिसफिट?

7 मई को BJP सुप्रीमो मायावती ने बड़ा ऐलान किया। अप्रत्याशित हैरान करने वाला! ऐन लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज की वोटिंग के बाद शाम को भतीजे के हाथों से कमान छीन ली।

Reported by: Kiran Rai
akash anand
आनंद आकाश की छिनी विरासत | Image:x/@AnandAkash_BSP
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Akash Anand Row:  आकाश आनंद की लांचिंग धूमधाम से हुई थी। ग्रैंड एंट्री ने कइयों को असहज भी कर दिया था। पार्टी के उभरते सितारे की डिमांड लगातार बढ़ भी रही थी लेकिन फिर ऐसा कुछ हुआ कि विरासत हाथों से खिसक गई।  बुआ मायावती ने उन्हें Immature बताते हुए बेदखल सा कर दिया। क्या जैसा दिख रहा है सब वैसा ही है? जो बसपा सुप्रीमो ने कहा है कहानी वैसी ही है या इसमें ट्विस्ट है!

मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बहुजन समाज पार्टी के नेशनल कोओर्डिनेटर पद से हटाने की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए जन-जन तक पहुंचाई। भतीजे को अहम पदों से आउट करने का खेला चौंकाने वाला था। आकाश इन दिनों अपने भाषणों में काफी अग्रेसिव दिख रहे थे। बसपा समर्थकों ही नहीं धुर विरोधियों के बीच भी लोकप्रियता के मामले में ग्राफ बढ़ रहा था लेकिन शायद यही लोकप्रियता वो पचा नहीं पाए। इसकी ओर इशारा बुआ का सोशल पोस्ट करता है।

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मायावती की राजनीति में मिसफिट या...

आकाश आनंद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सबसे ज्यादा बात उनके गुस्से, जनसभाओं में गाली गलौज और आक्रामक तेवरों के साथ भाषायी मर्यादा को तार तार करते दिखे। प्रदेश सरकार को लेकर अनर्गल बोले। जूते मारने तक की बात करते थे। इसके बाद उन पर कई मामले भी दर्ज हुए और पार्टी को आनन फानन में कई कार्यक्रम भी रद्द करने पड़े। आपा खोने की ये आदत ही बुआ मायावती को रास नहीं आई। पार्टी के भविष्य को लेकर आशंकित हो गईं। क्योंकि भतीजे आनंद ने सीधे तौर पर प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था सो मायावती को पार्टी हित में यही सही लगा। फिलहाल वो भतीजे को बचाकर आगे बढ़ने में बेहतरी समझ रही है। सूत्रों की मानें तो मायावती पार्टी की विरासत आगे बढ़ाने वाले शख्स को अदालती चक्कर में फंसता नहीं देखना चाहतीं इसलिए सियासी गुणा भाग कर आकाश की डोर खींच दी!

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एक और अहम बात है। मायावती की राजनीति में मुंह से कुछ भी निकाल देने में यकीन नहीं रखती है। वो बहुत संभल कर विपक्षियों पर वार करती आई हैं।   मायावती कभी भी अपने भाषणों में शब्दों की मर्यादा पार करती नहीं दिखी हैं। मायावती ने भतीजे की ताजपोशी के दौरान कहा था कि उनको बहुजन मूवमेंट की जिम्मेदारी दे रही हैं। लेकिन जिस तरह वो अपने हिसाब से मोड़ दे रहे थे वो बसपा सुप्रीमो के मिजाज से मेल नहीं खा रहा था।

क्या लोग नाराज थे?

सियासी हलकों में अफवाह एक और बात की है। वो ये कि आकाश आनंद का पार्टी में बढ़ता कद कुछ को अटक रहा था। खासकर कई बड़े नेता असहज महसूस कर रहे थे। आकाश आनंद की पब्लिक रैलियों की काफी मांग थी। इससे कई बड़े नेता असुरक्षित महसूस कर रहे थे।  बुआ मायावती की जनसभाओं में भी भतीजे का प्रभाव ज्यादा दिखने लगा था। उनका बढ़ता दायरा और डिमांड पार्टी के कई नेताओं में असुरक्षा की भावना पैदा कर रहा था।  असंतोष बढ़ रहा था जिसे देखते हुए बसपा सुप्रीमो ने देरी करना बेहतर नहीं समझा।

मायावती का सोशल पोस्ट

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने फैसले की जानकारी साझा की। तीन पोस्ट में पार्टी के फैसले से सबको अवगत कराया। लिखा-, 'विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के आत्मसम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी जिन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है...इसी क्रम में पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।' 

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Published May 8th, 2024 at 11:45 IST

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