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Updated May 1st, 2024 at 22:23 IST

Paris Olympics: पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में जगह बनाना चाहते हैं गोलकीपर कृष्ण पाठक

पेरिस ओलंपिक की टीम में जगह बनाना चाहता हूं: हॉकी गोलकीपर पाठक

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Olympics | Image:AP
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Paris Olympics: कृष्ण पाठक पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम में जगह बनाने को लेकर एक अजीब स्थिति में है जहां टीम में गोलकीपर के एक स्थान के लिए उनका मुकाबला अपने दोस्त और मेंटोर पीआर श्रीजेश से है।

हॉकी के किसी टूर्नामेंट में देश को 18 खिलाड़ियों को टीम में रखने की अनुमति होती है लेकिन ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों के 16 सदस्यीय दल की मंजूरी होती है। ऐसी स्थिति में कोच अतिरिक्त गोलकीपर की जगह मैदान में खेलने वाले खिलाड़ी को टीम में शामिल करना चाहते हैं।

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इससे पहले तोक्यो ओलंपिक में भी ऐसा हुआ जब श्रीजेश के शानदार खेल से भारत कांस्य पदक जीतने में सफल रहा। इस दौरान पाठक दर्शक दीर्घा से मैच देख रहे थे। वह हालांकि इस बार इतनी आसानी से हार मानने को तैयार नहीं है। पाठक ने यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में कहा, ‘‘कोच ने हमें ओलंपिक के लिए टीम संयोजन के बारे में नहीं बताया है। मेरा लक्ष्य है कि बुलावा आने पर मैं 100 प्रतिशत तैयार रहूं। ओलंपिक के लिए जाने वाली टीम में जगह बनाने के लिए अच्छी प्रतिस्पर्धा चल रही है। प्रत्येक खिलाड़ी को लगता है कि वह उस टीम का हिस्सा बन सकता है। मैं भी अलग नहीं हूं और मैं पेरिस की उड़ान में बैठना चाहता हूं।’’

पाठक का श्रीजेश से करीबी रिश्ता है। श्रीजेश 2016 जूनियर विश्व कप के दौरान भारत के गोलकीपिंग कोच थे, जहां पाठक ने पहली बार वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। इस 27 साल के खिलाड़ी ने जोर देकर कहा कि ओलंपिक के लिए टीम में जगह के लिए प्रतिस्पर्धा से श्रीजेश के साथ उनका व्यक्तिगत समीकरण प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ श्रीजेश भाई के साथ काम करना और उनके साथ खेलना मेरे लिए सपना है। हम एक-दूसरे के साथ बहुत सहज हैं। हम बहुत सारी जानकारी साझा करते हैं, खासकर जब हम में से कोई गलती करता है। हम एक-दूसरे को बताते हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मैं कोई गलती करूंगा, वह आएंगे और मुझे बताएंगे कि क्या गलत हुआ और इसे कैसे सुधारा जाए। इसी तरह, जब श्री भाई गलती करेंगे तो मैं भी ऐसा करूंगा। हमारे बीच मैदान के अंदर और बाहर बहुत अच्छी आपसी समझ है।’’ राष्ट्रीय टीम के लिए पाठक की अगली चुनौती 22 मई से एंटवर्प, बेल्जियम में शुरू होने वाली एफआईएच प्रो-लीग हैं। उस टूर्नामेंट में भारत का सामना जर्मनी और बेल्जियम जैसी शीर्ष टीमों से होगा। पाठक प्रो-लीग में दमदार प्रदर्शन से ओलंपिक के लिए अपना दावा मजबूत करना चाहते है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने रांची और राउरकेला में आठ प्रो-लीग मैच खेले हैं। अब, ओलंपिक से पहले हमारे पास कुछ और प्रो-लीग मैच होने वाले हैं। हम ओलंपिक में भी उनमें से कुछ टीमों से मिलेंगे। उनसे परिचित होने से हमें मदद मिलेगी।’’ पाठक ने कहा, ‘‘एक गोलकीपर के तौर पर मैं ओलंपिक में हमारी संभावित प्रतिद्वंद्वी टीमों के बारे में प्रो-लीग मैचों से अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने पर ध्यान दूंगा।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published May 1st, 2024 at 22:23 IST

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