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Updated April 22nd, 2024 at 11:42 IST

14 साल की रेप पीड़िता के पेट में था 7 महीने का गर्भ, सुप्रीम कोर्ट ने दी अबॉर्शन की इजाजत

14 साल की रेप पीड़ित का मामला ईमेल के जरिए कोर्ट तक पहुंचा। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष की मांग को खारिज कर दिया था।

Reported by: Kiran Rai
Supreme court
सुप्रीम कोर्ट | Image:PTI/File
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Supreme Court On Rape Victim:  सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर बलात्कार की शिकार 14 वर्षीय लड़की की गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की अनुमति दे दी है। शीर्ष अदालत ने अस्पताल द्वारा प्रस्तुत मेडिकल रिपोर्ट पर ध्यान दिया, जिसमें नाबालिग की चिकित्सीय समाप्ति की राय दी गई थी और कहा गया था कि गर्भावस्था जारी रहने से नाबालिग के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। 19 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने पीड़िता की ओर से तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग को लेकर भेजे गए एक ई-मेल पर गौर किया था। 


सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 14 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को 30 सप्ताह के गर्भ को अबॉर्ट  कराने की अनुमति दे दी, यह रेखांकित करते हुए कि गर्भावस्था जारी रखने से लड़की के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने नाबालिग के सुरक्षित गर्भपात का निर्देश देते हुए कहा, "ये बहुत ही असाधारण मामला है, जहां हमें बच्चों की रक्षा करनी है...हर बीतता समय उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

 

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुईं। पीठ ने मुंबई के सायन अस्पताल से पीड़िता की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी थी।

ये भी पढ़ें-  14 साल की रेप पीड़िता के पेट में था 7 महीने का गर्भ, सुप्रीम कोर्ट ने दी अबॉर्शन की इजाजत

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Published April 22nd, 2024 at 11:21 IST

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