Updated November 27th, 2018 at 22:06 IST
अमरिंदर सिंह बोले- पाकिस्तान के खिलाफ मेरे स्टैंड को मेरी कैबिनेट और जनता का समर्थन
सिद्धू ने करतारपुर को ‘‘अनंत संभावनाओं वाला गलियारा’’ बताते हुए मंगलवार को कहा कि ऐसी पहल से शांति को बढ़ावा मिलेगा और भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘शत्रुता’’ मिटेगी.
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हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में आतंकवादी हमलों और पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की हत्या का हवाला देते हुए अंतराष्ट्रीय सीमा के पार करतारपुर कॉरीडोर की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में पाकिस्तान के बुलावे को ठुकरा दिया था, लेकिन उनके ही मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने लीग से हटकर ना सिर्फ पाकिस्तान सरकार का न्यौता स्वीकार किया बल्कि वहां जाकर विवादित बयान भी दिए..
जिसके बाद से ही पंजाब सरकार के इन दोनों मंत्री के अलग- अलग स्टैंड को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच अमरिंदर सिंह ने रिपब्लिक टीवी के चीफ एटिडर अर्नब गोस्वामी से विस्तार से बातचीत की और कहा कि मेरी पूरी कैबिनेट मेरे फैसले के साथ है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर जो भी मैंने स्टैंड लिया उसमें मेरे साथ पूरी कैबिनेट के साथ पंजाब की जनता भी खड़ी है. सिद्धू कोई अधिकारिक दौरे पर नहीं गए थे. जब भी कोई मंत्री अधिकारिक दौरे या निजी दौरे पर जाता है, तो मुझे से इजाजत लेता है. लेकिन सिद्धू को जाने की इजाजत मैंने दी थी क्योंकि वो उनका निजी दौरा था. विदेश मंत्रालय ने भी मंजूरी दी थी.
पाकिस्तान से क्या बोले नवजोत सिंह सिद्धू
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने करतारपुर को ‘‘अनंत संभावनाओं वाला गलियारा’’ बताते हुए मंगलवार को कहा कि ऐसी पहल से शांति को बढ़ावा मिलेगा और भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘शत्रुता’’ मिटेगी.
सिद्धू भारतीय पत्रकारों के एक समूह के साथ वहां पहुंचे हैं ताकि वो लाहौर से करीब 120 किलोमीटर दूर नारोवाल में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में शामिल हो सकें. वाघा सीमा पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.
चार किलोमीटर लंबा ये गलियारा भारत के गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान में नारोवाल में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से जोड़ेगा. ये गलियारा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारे तक वीजा मुक्त पहुंच मुहैया कराएगा.
प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को गलियारे की आधारशिला रखेंगे. सिद्धू ने इस गलियारे को संभव बनाने के लिए खान को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच शांति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘‘इससे दोनों देशों के बीच दुश्मनी मिटेगी.’’
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Published November 27th, 2018 at 19:41 IST
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