Updated February 25th, 2021 at 19:54 IST
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का बड़ा दावा- ‘राकेश टिकैत खुद कर चुके हैं कृषि कानूनों का समर्थन’
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को पूसा किसान मेला 2021 का दौरा किया जिसके पहले दिन हजारों किसानों ने भाग लिया था।
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कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को पूसा किसान मेला 2021 का दौरा किया जिसके पहले दिन हजारों किसानों ने भाग लिया था। नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर एएनआई से बात करते हुए, चौधरी ने कहा कि उन्होंने किसान मेले में किसानों के साथ बातचीत की और ‘वे कृषि कानूनों से खुश हैं’। उन्होंने दावा किया कि ‘कृषि कानूनों पर राजनीति की जा रही है’ और शुरुआत में, बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने खुद लिखित रूप में कहा था कि ‘कानून लाभकारी हैं और उनके पिता की आत्मा को अब शांति मिल जाएगी’।
उन्होंने कहा- “आज हजारों किसान पूसा कृषि मेले में आए हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से किसान आए हैं और उन सभी ने कहा है कि कानून उनके लिए फायदेमंद हैं। किसानों ने खुद कहा है कि कानून उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगे। किसान यूनियनों के नेता भी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि कानून लाभकारी हैं। लेकिन इसमें राजनीति घुस गई है। किसानों के मुख्य मुद्दे पीछे छूट गए हैं। राकेश टिकैत ने खुद एक लेख में लिखा था कि उनके पिता की आत्मा को शांति मिल गई होगी क्योंकि इन कानूनों से अब किसानों को फायदा होगा। लेकिन अब मुझे लगता है कि यह सब राजनीतिक हो गया है।”
गौरतलब है कि पूसा किसान मेला हर साल भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित किया जाता है। इस साल यह दिल्ली में 25 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन दिनों के लिए आयोजित किया जा रहा है। संस्थान हर साल कई फसलों और नई किस्मों के फल विकसित करता है। मेले में इन नई किस्मों के बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं। फार्म फेस्ट में देशभर के किसान भाग लेते हैं।
राकेश टिकैत का नया बयान
राजस्थान में किसान महापंचायत के दौरान, राकेश टिकैत ने संसद घेराव का आह्वान करते हुए कहा कि ‘चार लाख के बजाय 40 लाख ट्रैक्टर संसद में जाएंगे’। साथ ही, कानूनों को निरस्त नहीं करने और कानून के तहत एमएसपी की गारंटी नहीं होने पर उन्होंने ‘बड़ी कंपनियों के गोदामों को ध्वस्त करने का भी खुला आह्वान किया है’। उन्होंने किसानों को कृषि कानूनों के खिलाफ विद्रोह में ‘फसलों को जलाने’ के लिए भी कहा था।
बता दें कि राकेश टिकैत देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान महापंचायतों का आयोजन कर रहे हैं ताकि किसानों को कृषि कानूनों के समर्थन में इकट्ठा किया जा सके। हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने राकेश टिकैत के भड़काऊ भाषण पर निराशा व्यक्त की है।
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Published February 25th, 2021 at 19:51 IST
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