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Updated April 28th, 2024 at 19:09 IST

चेन्नई में हुई पाकिस्तानी युवती की सफल हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी, 5 साल पहले आई थी इलाज के लिए भारत

एक उपयुक्त 'ब्रेन-डेड डोनर' उपलब्ध होने के बाद 31 जनवरी, 2024 को आयशा का हृदय प्रत्यारोपण किया गया।

Pak girl Ayesha Heart Transplant
पाकिस्ता की आएशा की सफल हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी | Image:ANI
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भारत में सफल हृदय प्रत्यारोपण के बाद 19 वर्षीय पाकिस्तानी लड़की आएशा को नया जीवन मिलने की दिल छू लेने वाली कहानी इस बात पर प्रकाश डालती है कि मानवीय उद्देश्यों के लिए सीमाओं पर आवागमन को कैसे आसान बनाया जा सकता है और पड़ोसी देश में हृदय रोगियों के सामने क्या चुनौतियां हैं। पाकिस्तान के कराची शहर की रहने वाली आयशा रशन की चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर अस्पताल में सफल हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी हुई है।

एक उपयुक्त 'ब्रेन-डेड डोनर' उपलब्ध होने के बाद 31 जनवरी, 2024 को आयशा का हृदय प्रत्यारोपण किया गया। कुछ औपचारिक प्रक्रियाओं के बाद आयशा को इस महीने अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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हृदय और फेफड़े प्रत्यारोपण एवं मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट संस्थान के हृदय विज्ञान निदेशक एवं अध्यक्ष डॉ. के आर बालाकृष्णन ने कहा कि आयशा पहली बार 2019 में उनके पास आई थी जब वह 14 साल की थी और उसका हृदय बेहद खराब स्थिति में था।

डॉ. के आर बालाकृष्णन ने 'पीटीआई-वीडियो' से कहा, 'इसके बाद वह बहुत ही बीमार हो गई और उसे हृदयघात हुआ तथा उसे सीपीआर तकनीक से पुनर्जीवित करना पड़ा और खून के प्रवाह को बनाए रखने के लिए ईसीएमओ नामक मशीन लगानी पड़ी, फिर हमने उस समय एक कृत्रिम हृदय पंप डाला और अंततः वह ठीक हो गई और अपने देश वापस चली गई।'

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उन्होंने कहा, 'अगले कुछ वर्षों में, वह फिर से बीमार हो गई क्योंकि उसका एक वाल्व लीक होने लगा... और उसके हृदय का दाहिना हिस्सा गंभीर रूप से निष्क्रिय होने लगा तथा संक्रमण हो गया । उस देश में उसका इलाज करना बहुत मुश्किल हो गया। आयशा के लिए वीजा प्राप्त करना बहुत कठिन था। उनकी मां अकेली हैं, उनके पास कोई पैसा या संसाधन नहीं था। हमें आयशा के बार-बार अस्पताल में भर्ती होने सहित सभी खर्चों का ख्याल रखना पड़ा। '

उन्होंने बताया कि 'चेन्नई स्थित गैर सरकारी संगठन ऐश्वर्या ट्रस्ट और अन्य प्रत्यारोपण रोगियों के योगदान से आयशा की सर्जरी हुई। यह प्रत्यारोपण दिल्ली के दिमागी रूप से मृत एक बुजुर्ग व्यक्ति से हृदय प्राप्त करने के बाद किया गया था। आयशा के इलाज में करीब 30 से 40 लाख रुपये का खर्च आना था।'

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फैशन डिजाइनर बनने की चाहत रखने वाली आयशा ने इलाज के लिए देश आने का वीजा देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। आयशा की मां ने कहा कि समस्या यह है कि पाकिस्तान में ऐसी कोई सुविधा नहीं है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published April 28th, 2024 at 19:09 IST

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