पब्लिश्ड 19:15 IST, May 13th 2024
वित्त मंत्री ने कांग्रेस के घोषणापत्र में की गई योजनाओं पर उठाए सवाल, पूछा- कहां से आएगा फंड?
निर्मला सीतारमण ने पूछा कि 'खटा-खट' योजना की वित्तीय लागत को समायोजित करने के लिए वह कितनी कल्याणकारी योजनाएं बंद करेंगे।
Nirmala Sitaraman on Congress Manifesto: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस की विभिन्न योजनाओं की घोषणाओं को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए गरीबी रेखा से नीचे परिवार की महिलाओं को सालाना एक लाख रुपये देने समेत कई घोषणाएं की हैं।
इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सवाल उठाते हुए पूछा कि कांग्रेस घोषणापत्र में किए गए वादों की लागत को कैसे पूरा करने की योजना बना रही है।
निर्मला सीतारमण ने उठाए सवाल
उन्होंने सोमवार (13 मई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट कर कहा, "क्या कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किए गए ऊंचे वादों की कीमत पर विचार किया है? क्या उन्होंने गणना की है कि 'खटा-खट' योजनाओं की वित्तीय लागत कितनी होगी? क्या वे उनके लिए बड़े पैमाने पर उधार लेंगे या उन्हें वित्तपोषित करने के लिए टैक्स बढ़ाएंगे।"
राहुल गांधी से पूछे सवाल
वित्त मंत्री ने राहुल गांधी से सवाल करते हुए, सीतारमण ने पूछा कि 'खटा-खट' योजना की वित्तीय लागत को समायोजित करने के लिए वह कितनी कल्याणकारी योजनाएं बंद करेंगे। सीतारमण ने कहा, "क्या राहुल गांधी इन वास्तविक सवालों का जवाब देना चाहेंगे और बताएंगे कि उनकी राजकोषीय फिजूलखर्ची की योजनाएं बिना टैक्स बढ़ाएं या भारी उधार लिए और अर्थव्यवस्था को गिराए बिना कैसे काम करेंगी? वह भारत के लोगों के लिए इन सवालों का जवाब दें।"
इस दौरान उन्होंने 2004-2014 तक यूपीए शासन के दौरान केंद्र सरकार पर बढ़ते कर्ज के बारे में कांग्रेस को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र सरकार का कर्ज 18.74 लाख करोड़ रुपये से 3.2 गुना बढ़कर 58.59 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि एनडीए के तहत सरकार का कर्ज 2.9 गुना बढ़ा, जो UPA शासन के दौरान हुई वृद्धि से कम है। वित्त वर्ष 2013-14 और वित्त वर्ष 2023-24 के बीच यह कम वृद्धि कोविड महामारी के प्रभाव के बावजूद हुई। उस दौरान राजस्व में कमी के बावजूद केंद्र ने जरूरतमंद लोगों को राहत देने के लिए उधार लिया।
उन्होंने कहा कि वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 172.37 लाख करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) हो गया। यानी इसमें 2.9 गुना वृद्धि हुई जो संप्रग शासन के दौरान हुई वृद्धि से कम है। वित्त वर्ष 2013-14 और वित्त वर्ष 2023-24 के बीच यह कम वृद्धि कोविड महामारी के प्रभाव के बावजूद हुई। उस दौरान राजस्व में कमी के बावजूद केंद्र ने जरूरतमंद लोगों को राहत देने के लिए उधार लिया।
कांग्रेस ने किए ये वादे
बता दें कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कई लोकलुभावन उपायों की घोषणा की है। इसमें महालक्ष्मी योजना भी शामिल है जो गारंटी देती है कि गरीब परिवारों की महिलाओं को प्रति वर्ष 1 लाख रुपये मिलेंगे। पार्टी ने यह भी कहा है कि अगर वह सत्ता में आती है तो 25 साल से कम उम्र के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या कॉलेज स्नातक को निजी या सरकारी क्षेत्र में एक साल के लिए अप्रेंटिस कराने का कानून बनाने का वादा किया है।
अपडेटेड 19:15 IST, May 13th 2024