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Updated May 9th, 2024 at 14:49 IST

हरियाणा में तेजी से बदल रहा सियासी समीकरण, कांग्रेस ने राज्यपाल से मांगा समय; दुष्यंत ने लिखी चिट्ठी

हरियाणा में 13 मार्च को नायब सिंह सैनी ने 48 सदस्यों के समर्थन से बहुमत हासिल किया था। हालांकि पिछले दिनों 3 विधायकों के पाला बदलने से BJP की मुसीबत बढ़ी है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Dalchand Kumar
cm nayab singh saini, dushyant chautala and aftab ahmed
हरियाणा में राज्यपाल से कांग्रेस-जेजेपी ने फ्लोर टेस्ट की मांग की। | Image:Facebook
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Haryana: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली हरियाणा की बीजेपी सरकार पर बड़ा संकट आ सकता है। राज्य की राजनीति में घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है, जिसने सरकार के सामने बड़ा संकट पैदा कर दिया है। जननायक जनता पार्टी के लीडर और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दावा किया है कि हरियाणा में बीजेपी के पास अब बहुमत का आंकड़ा नहीं बचा है। इस स्थिति में फ्लोर टेस्ट की मांग करते हुए दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखा है। जेजेपी के अलावा कांग्रेस ने भी अब राज्यपाल से मुलाकात का समय मांग लिया है।

हरियाणा में मौजूदा वक्त में बीजेपी की सरकार है, जिसका नेतृत्व कुछ समय पहले ही मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को दिया गया था। इस घटनाक्रम के साथ ही हरियाणा में बीजेपी और दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी का गठबंधन टूट गया था। उस समय 13 मार्च 2024 को नायब सिंह सैनी ने निर्दलीय विधायकों समेत 48 सदस्यों के समर्थन के साथ बहुमत पास कर लिया था। हालांकि पिछले दिनों 3 विधायकों ने जब समर्थन वापस ले लिया तो इससे नायब सिंह सैनी सरकार की मुसीबत बढ़ चुकी है। विपक्ष फ्लोर टेस्ट की मांग करने लगा है।

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दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को पत्र लिखा

पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया है। अब सरकार के पास विश्वास मत नहीं रहा है। इसलिए विधानसभा का सत्र बुलाकर सरकार फ्लोर टेस्ट पास करे। जेजेपी लीडर ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि वो सरकार बनाने वाले किसी भी राजनीतिक दल (गैर-बीजेपी दल) को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ये भी कहा कि हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

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कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा

इधर, खबर है कि कांग्रेस ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने का समय मांगा है। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद ने राज्यपाल से समय मांगा है। वो हरियाणा की बीजेपी सरकार को फ्लोर टेस्ट पास करने की मांग को लेकर राज्यपाल के पास जाएंगे।

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हरियाणा विधानसभा का समीकरण क्या है?

मार्च में जब नायब सिंह सैनी सरकार ने बहुमत हासिल किया था, उस समय 48 सदस्यों का समर्थन था। बीजेपी के अपने 41 विधायक थे। 6 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया था। उसके अलावा गोपाल कांडा ने भी बीजेपी का समर्थन किया था। इससे आंकड़ा 48 तक पहुंचा था। अभी 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 88 है। इस लिहाज से बहुमत का आंकड़ा 45 हो जाता है। विधानसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या 40 है, जबकि कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। उसके अलावा जेजेपी से 10, इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी से एक-एक, 6 निर्दलीय विधायक हैं।

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जब 3 निर्दलीय विधायकों की तरफ से समर्थन वापस ले लिया गया तो इससे बीजेपी भले अल्पमत के करीब आ गई है, लेकिन नायब सिंह सैनी की सरकार को कोई खतरा नहीं है। खैर, आगे हरियाणा का राजनीतिक समीकरण और कितना बदलता है, वो देखना बाकी है।

यह भी पढ़ें: 'ये चुनाव पीएम चुनने का, हमारे पास मोदी हैं दूसरी ओर...', मनोज तिवारी

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Published May 9th, 2024 at 14:32 IST

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