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Updated March 12th, 2024 at 23:25 IST

CAA पर सरकार ने साफ की तस्वीर, कहा- भारतीय मुसलमानों को हिंदुओं के समान मिलते रहेंगे अधिकार

CAA News : सरकार ने साफ किया है कि CAA के बाद किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Sagar Singh
CAA Protest
CAA पर सरकार ने साफ की तस्वीर | Image:PTI
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गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) पर भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है जिनके पास अपने समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के समान अधिकार हैं। मंत्रालय ने सीएए के संबंध में मुसलमानों और छात्रों के एक वर्ग की आशंका को दूर करने की कोशिश करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि ‘‘इस कानून के बाद किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा।’’

गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून में उनकी नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। नागरिकता कानून का वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है, जिनके पास अपने समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के समान अधिकार हैं।’’

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'इस्लाम की छवि खराब होने से बचाता है'

केंद्र ने 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए तेजी से नागरिकता प्रदान करने के वास्ते नागरिकता (संशोधन) कानून को सोमवार को अधिसूचित किया। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘उन तीन मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के कारण पूरी दुनिया में इस्लाम की छवि बुरी तरह खराब हुई है। हालांकि, इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म होने के नाते, कभी भी धार्मिक आधार पर घृणा, हिंसा, उत्पीड़न को बढ़ावा नहीं देता है।’’

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बयान में कहा गया कि यह कानून अत्याचार के नाम पर इस्लाम की छवि खराब होने से बचाता है। कानून की आवश्यकता बताते हुए मंत्रालय ने कहा कि भारत का अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ प्रवासियों को इन देशों में वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं है। बयान में कहा गया, ‘‘यह नागरिकता कानून अवैध प्रवासियों के निर्वासन से संबंधित नहीं है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों सहित लोगों के एक वर्ग की चिंता अनुचित है कि सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।’’

'मुसलमानों के नागरिकता प्राप्त करने पर रोक नहीं'

मंत्रालय ने कहा कि नागरिकता अधिनियम की धारा 6, जो प्राकृतिक आधार पर नागरिकता से संबंधित है, के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमानों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने पर कोई रोक नहीं है। बयान में कहा गया कि अन्य धर्मों वाले भारतीय नागरिकों की तरह भारतीय मुस्लिमों के लिए आजादी के बाद से उनके अधिकारों की स्वतंत्रता और अवसर को कम किए बिना, सीएए ने 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत आने वाले लोगों के उत्पीड़न की पीड़ा को कम करने तथा उनके प्रति उदार व्यवहार दिखाने के उद्देश्य से नागरिकता के लिए आवेदन की योग्यता अवधि को 11 से कम कर पांच साल कर दिया है।

सीएए लाने के औचित्य पर जोर देते हुए मंत्रालय ने कहा कि उन तीन देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के प्रति सहानुभूति दर्शाने के लिए यह कानून, भारत की उदार संस्कृति के अनुसार उनके सुखी और समृद्ध भविष्य के लिए उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का अवसर देता है। बयान में कहा गया, ‘‘नागरिकता प्रणाली में जरूरत के अनुसार बदलाव लाने और अवैध प्रवासियों को नियंत्रित करने के लिए इस कानून की आवश्यकता थी।’’

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'किसी के नागरिकता आवेदन पर रोक नहीं'

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कानून किसी भी मुस्लिम को मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोकता है, जिसे इस्लाम के अपने तौर-तरीकों का पालन करने के लिए उन तीन इस्लामिक देशों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो। सीएए के क्रियान्वयन के खिलाफ मंगलवार को असम सहित देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।

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ये भी पढ़ें: अमित शाह का आतंकवाद पर करारा प्रहार, बोले- 'सरकार आतंकवादी ताकतों को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध'
 

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published March 12th, 2024 at 23:25 IST

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