Updated May 8th, 2024 at 14:00 IST
Sam Pitroda के अमेरिका में विरासत कर वाले बयान पर अर्थशास्त्री गौतम सेन की चेतावनी
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस सैम पित्रोदा की विरासत कर को लेकर की गई टिप्पणी पर अर्थशास्त्री गौतम सेन ने बड़ी बात कही है और बताया कि यह भारत में संभव है या नहीं।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा ने बीते दिनों विरासत टैक्स की बात छेड़कर नया विवाद खड़ा कर दिया था। अमेरिका का हवाला देते हुए इन्होंने भारत में भी इस तरह के फार्मूले पर विचार करने की बात कही थी। पित्रोदा ने कहा था कि भारत में विरासत टैक्स लगाने पर बहस होनी चाहिए। उनके इस बयान पर जमकर बवाल हुआ था। BJP इसे बड़ा मुद्दा बनाकर चुनावी सभाओं में कांग्रेस पर हमलावर नजर आई थी। अब इस पर अर्थशास्त्री गौतम सेन ने कहा कि यह फार्मूला भारत में काम करेगा या नहीं ।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस सैम पित्रोदा की विरासत कर को लेकर की गई टिप्पणी पर अर्थशास्त्री गौतम सेन ने कहा, सबसे पहली बात तो यह है कि अमेरिका में कोई विरासत कर नहीं है। उनके पास विरासत कर नहीं है, इसे एस्टेट ड्यूटी और गिफ्ट टैक्स कहा जाता है। अमेरिका में 2022 तक 0.14% मृतकों को इसका भुगतान करना पड़ता है- 2.5 मिलियन मृतकों में से केवल 0.14% यानी पूरे अमेरिका में 4000 लोग एस्टेट ड्यूटी के अधीन हैं। अधिकांश संपत्तियों को छूट दी गई है क्योंकि छूट की सीमा बहुत अधिक है, 13.6 मिलियन डॉलर और वास्तव में अमीरों का पैसा ट्रस्टों में है। इसलिए, अमेरिका का उदाहरण भारत के लिए बिल्कुल भी अच्छा सादृश्य नहीं है।
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पित्रोदा के विरासत कर वाले बाले बयान पर बवाल
तम सेन ने विरासत कर पर डिटेल में बात करते हुए कहा, सभी घरों और व्यवसायों का सर्वेक्षण करने का प्रस्ताव कई कारणों से अव्यावहारिक है। भारत में 2.4 फीसदी या उससे भी कम लोग इनकम टैक्स भरते हैं। उस समूह में, मुझे लगता है कि 1.2 मिलियन से अधिक लोगों के पास व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है जो मुख्य रूप से उनके अपने निवास में हैं। उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने के लिए, आपको उनके व्यवसाय बंद करने होंगे। यानी अगले साल आर्थिक अराजकता होगी। जिसने भी इस विचार के बारे में सोचा था वह बहुत यथार्थवादी ढंग से नहीं सोच रहा था, अब हमारे पास जो है वह पहले की तुलना में बहुत बड़ा सुधार है ।
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अर्थशास्त्री गौतम सेन की चेतावनी
गौतम सेन ने आगे कहा कि हमारे पास यह अविश्वसनीय संयोजन है जो लगभग कभी भी हासिल नहीं किया गया है, निवेश के माध्यम से धन सृजन, पुनर्वितरण के साथ बुनियादी ढांचे का संयोजन। भले ही आपको इस गैर-समझदारीपूर्ण विचार से कुछ हासिल करना हो, लेकिन आप अपने बच्चों और पोते-पोतियों से इसे छीन लेंगे। ऐसा करने वाला कोई भी व्यक्ति भारत का मित्र नहीं है। भारत की राजनीतिक और आर्थिक अराजकता तुरंत चीन-पाकिस्तानी आक्रमण को आमंत्रित करेगी क्योंकि वे भारत के साथ हिसाब बराबर करने और भारतीय क्षेत्र को जब्त करने के अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसलिए, जो भी ऐसा करना चाहता है वह भारत का मित्र नहीं है।
विरासत टैक्स पर पित्रोदा ने क्या कहा था?
बता दें कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को मिलती है, जबकि 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है। ये एक बड़ा ही दिलचस्प कानून है। पित्रोदा विरासत टैक्स पर बात करते हुए कहा था कि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है। यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपए की प्रॉपर्टी है तो उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी की सारी प्रॉपर्टी मिल जाती है। जनता के लिए कुछ नहीं बचता। मुझे लगता है कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए।
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Published May 8th, 2024 at 13:49 IST
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