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Updated April 18th, 2024 at 13:46 IST

'होइहैं वही जो राम रचि राखा...', कोर्ट में पेशी पर आए बृजभूषण ने टिकट मिलने के सवाल पर दिया जवाब

WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। पहलवानों बनाम बृजभूषण मामले की सुनवाई हुई और फैसला सुरक्षित रख दिया गया।

Reported by: Kiran Rai
Delhi Court Defers Order on Framing of Charges Against BJP MP Brij Bhushan in Sexual Harassment Case
कोर्ट की सुनवाई के बाद बृजभूषण सिंह | Image:X
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Brijbhushan Breaking News:  उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से सांसद और WFI (रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह 18 अप्रैल को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। अदालत ने बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में फैसला 26 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया है। इसके बाद मीडिया से मुखातिब हुए तो लोकसभा चुनाव में दावेदारी को लेकर सवाल किया गया। जवाब में रामचरितमानस की चौपाई सुना दी। बोले- होइहैं वही जो राम रचि राखा।

बृजभूषण ने मामले में आगे की जांच की मांग करते हुए एक अर्जी डाली थी। जिसमें दावा है कि घटना के वक्त वे दिल्ली में नहीं थे।

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टिकट फाइनल नहीं...

बृजभूषण शरण सिंह  कैसरगंज सीट से 2009 से तीन बार चुनाव जीत सांसद बने हैं। लेकिन इस बार टिकट को लेकर आशंका प्रबल है। वजह यौन उत्पीड़न के वो आरोप हैं जो रेसलिंग फेडरेशन का अध्यक्ष रहते उन पर महिला पहलवानों ने उठाए। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 18 अप्रैल को कहा कि फैसला 26 अप्रैल को सुनाया जाएगा।

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दरअसल, कैसरगंज लोकसभा सीट पर पांचवें फेज यानी 20 मई को वोटिंग होनी है। यहां 26 अप्रैल से नामांकन शुरू होगा। 3 मई नॉमिनेशन की आखिरी तारीख है। स्क्रूटनी 4 मई को और नाम वापसी की आखिरी तारीख 6 मई की है। कैसरंगज सीट से विधायक प्रेमनरायण पांडेय और एमएलए अजय सिंह मजबूत दावेदार हैं। यही वजह है कि मीडिया के सवालों पर मुस्कुराकर उन्होंने राम रचि राखा कह दिया।

कोर्ट में दलील क्या-क्या?

बृजभूषण ने राउज़ ऐवन्यू कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर मामले में कुछ पहलुओं पर आगे की जांच करने और कुछ बिंदुओं पर बहस करने की मांग की थी। अर्जी में कहा कि जिस तारीख पर एक महिला पहलवान के WFI दिल्ली ऑफिस में कथित छेड़छाड़ का आरोप लगाया है उस तारीख पर बृजभूषण देश से बाहर थे।
WFI के पूर्व अध्यक्ष ने अपने दावे को पुख्ता करते हुए पासपोर्ट की कॉपी भी चस्पा की। जिस पर उस तारीख पर इमीग्रेशन की मोहर लगी हुई थी। इस तरह बृजभूषण ने दावा किया है कि वह उस समय दिल्ली में नहीं थे। कोर्ट ने कहा कि एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम से वापस आने के बाद WFI दिल्ली कार्यालय में उसका यौन उत्पीड़न किया गया था , अभियोजन ने उस तारीख पर सीडीआर की कॉपी नहीं जमा की थी।

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वहीं, महिला पहलवानों के वकील ने कहा यह याचिका मामले में देरी के लिए दाखिल की गई है, कोर्ट को इस अर्ज़ी पर सुनवाई नहीं करनी चहिए। दिल्ली पुलिस ने भी बृजभूषण की अर्जी का विरोध किया। पुलिस ने कहा कि चार्जशीट पर संज्ञान के बाद चार्ज फ्रेम करने पर बहस के दौरान यह बिंदु कोर्ट के सामने बृज भूषण के वकील ने नहीं उठाया था, अब इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। साथ में दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह सिर्फ एक तारीख के आरोप पर सवाल उठा रहे है लेकिन दूसरे आरोपों पर सवाल नही उठा रहे।

सीडीआर रिपोर्ट को लेकर सवाल जवाब?

इस बीच दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि CDR रिपोर्ट गैर जरूरी दस्तावेज़ हैं। शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि CDR रिपोर्ट ट्रायल का विषय है उसकी अभी ज़रूरत नहीं है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि CDR रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है, CDR रिपोर्ट के आधार पर 7 सितंबर की तारीख अस्तित्व में आ जायेगी। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह पहले बृजभूषण द्वारा दाखिल अर्ज़ी का निपटारा करेगा उसके बाद बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला सुनाएगा

क्या है मामला?

दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न मामले में जून 2023 में ब्रजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। उनके खिलाफ धारा 354, 354-A, 354-D और 506 के तहत आरोप लगाए। पहली बार 18 जनवरी 2023 को रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत 30 से ज्यादा पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन भी किया था।

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Published April 18th, 2024 at 11:39 IST

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