Updated March 29th, 2024 at 15:45 IST
सिंदूर लगाना पत्नी की ड्यूटी और नहीं लगाना क्रूरता... सुनवाई के दौरान फैमिली कोर्ट का बयान
इंदौर के फैमिली कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि सिंदूर लगाना पत्नी का कर्तव्य और नहीं लगाना क्रूरता है।
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इंदौर के फैमिली कोर्ट में वहां के एक निवासी ने अपनी पत्नी को वापस बुलाने के लिए कोर्ट में याचिका डाली थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पत्नी को वापस अपने पति के पास जाने का आदेश दिया। इसके साथ ही पत्नी ने सुनवाई के दौरान कहा कि सिंदूर लगाना शादीशुदा महिला का धार्मिक दायित्व है और नहीं लगाना क्रूरता की श्रेणी में आता है। बता दें, ये मामला 1 मार्च का है, कोर्ट ने इस दिन ही आदेश जारी कर दिया था। हालांकि, छुट्टियों की वजह से कोर्ट बंद था, जिसकी वजह से ऑर्डर की कॉपी नहीं मिल पाई थी। आज कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी मिली है।
पति ने अपनी पत्नी को मायके से वापस बुलाने को लेकर एक याचिका लगाई थी, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 11 पन्नों का फैसला सुनाया। आदेश में कोर्ट ने पत्नी को वापस अपने पति के घर जाने की बात कही। इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी लिखा कि पति ने अपनी पत्नी को नहीं छोड़ा है बल्कि पत्नी खुद अपनी मर्जी से अलग रह रही है। उसने मांग में सिंदूर लगाना बंद कर दिया है, कोर्ट ने इसे क्रूरता का माना और कहा कि सिंदूर लगाना शादीशुदा महिला का धार्मिक दायित्व है।
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पत्नी ने पति पर लगाए कई आरोप
इसके साथ ही कोर्ट के समक्ष यह भी बात सामने आई की पत्नी बिना किसी कारण के चलते पिछले 5 सालों से अपने पति से अलग रह रही है। कोर्ट ने अलग रहने का कारण भी पत्नी से पूछा लेकिन कोई पुख्ता कारण पत्नी कोर्ट के समक्ष नहीं बता पाईं। पत्नी ने कोर्ट को बताया कि वह मांग में सिंदूर नहीं लगाती है। साथ ही पीड़िता ने इस दौरान अपने पति पर और भी कई आरोप लगाए। यह भी आरोप लगाए थे कि पति दहेज मांगता है, साथ ही नशा कर परेशान करता है लेकिन कोर्ट ने तमाम तरह की दलीलों को खारिज करते हुए पत्नी को एक बार फिर पति के पास लौटने के आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी आदेश में लिखा कि पति ने पत्नी का त्याग नहीं किया बल्कि साथ ही दोनों के बीच तलाक भी नहीं हुआ है, जिसके चलते कोर्ट ने इस तरह के आदेश पत्नी को दिए हैं।
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Published March 29th, 2024 at 15:17 IST
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