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Updated November 30th, 2023 at 15:07 IST

Telangana Election: तेलंगाना की सबसे युवा उम्मीदवार हैं 'भैसों वाली अम्मा', नाम है कर्ने शिरिषा

Telangana: 2014 में बने युवा तेलंगाना की सबसे युवा उम्मीदवार कर्ने शिरिषा चर्चा में है। आम सी युवती कद्दावरों के पसीने छुड़ा रही है। क्या है ऐसी खास बात!

Reported by: Kiran Rai
PC: Karneshrisha/x
PC: Karneshrisha/x | Image:self
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Telangana Assembly Election:  #बर्रेलक्का, # शिरिषा हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही नामों से ट्रेंड कर रही हैं। कर्ने शिरिषा 26 साल की युवती है जो भैंस पालती है इसलिए तेलुगू भाषा में इन्हें बर्रेलक्का (भैंसों वाली बहन) नाम से पुकारा जाता है। युवा तेलंगाना की ये सबसे युवा उम्मीदवार है।

खबर में आगे पढ़ें-

  • भैंसों वाली अक्का कैसे बनी युवा आइकन?
  • किस सीट से लड़ रही हैं चुनाव, चुनौती क्या?
  • गरीबी में पली बढ़ी शिरिषा ने दिहाड़ी मजदूरी कर चलाया परिवार

युवा आइकन शिरिषा

बार्रेलक्का क्या  तेलंगाना के युवाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं? ये सवाल चुनावी राज्य में जोरों शोरों में उठाया जा रहा है। सवाल की वजह भी है। एक 26 साल की लड़की जिसकी पीठ पर किसी बड़ी राजनीतिक शख्सियत का हाथ नहीं है, जो किसी बड़े अमीर घराने से नहीं आती और सबसे अहम बात किसी बड़ी पार्टी के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ रही। कोल्लापुर से चुनाव लड़ रही बेहद आम सी व्लॉग क्रियेटर दिग्गजों के सामने मजबूत दावेदार के तौर पर उभरी है। डोर टू डोर कैंपेनिंग से अपने होने का एहसास करा रही है। जब निकलती है तो अपने आप युवा शक्ति साथ जुड़ती जाती है।

अक्का की 'सीटी' का सबक

शिरिषा सिंगल मदर की संतान है। गरीबी में जीवन गुजारा है। दिहाड़ी मजदूरी कर मां संग मिल दो भाइयों के पालन पोषण में मदद की लेकिन अपनी पढ़ाई पर आंच नहीं आने दी। कॉमर्स विषय से ग्रेजुएशन किया वो भी 78 फीसदी अंकों के साथ। निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं और सिंबल बहुत सोच समझकर सीटी रखा है। एक वीडियो भी शेयर कर बताया भी। इनका मकसद उन लोगों को सीटी की आवाज से जगाना है जो अहम मुद्दों पर खामोश रहते हैं। उनकी आवाज़ शिक्षित होने के बावजूद अवसरों की कमी से नाराज सैकड़ों नौकरी चाहने वालों की पीड़ा से गूंजती प्रतीत होती है। 

मुद्दे क्या?

मुद्दा युवाओं की बेरोजगारी है। हाल ही में अपनी चुनावी जनसभा में उन्होंने प्रदेश सरकार की जमकर मुखालफत की। बेरोजगारी के मुद्दे को शिरिषा ने प्रमुखता से उठाया कहा- बेरोजगारों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इस दौरान एक कैंडिडेट को आड़े हाथों भी लिया।  इस पर पुलिस केस भी हुआ लेकिन अम्मा रुकी नहीं। फिर क्या था उनकी एक-एक बात युवाओं के दिल के तारों को छेड़ गई और वो जुड़ते चले गए। तेलंगाना के युवकों का कहना है कि सत्ताधारी बीआरएस ने रोजगार को लेकर संजीदगी नहीं दिखाई और शिरिषा के वायदों में दम है।

रोती अक्का रुला रही सबको!

पुलिस केस के बाद सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वो रोती बिलखती दिखीं। कहा- डोर टू डोर कैंपेनिंग के दौरान उनके भाइयों पर 'स्थानीय नेताओं के गुर्गों'ने हमला किया। उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलीं। वो इसमें कहती नजर आईं कि डराने-धमकाने और पैसे का लालच देने की असफल कोशिशों ने निर्वाचन क्षेत्र में लड़ने और यथास्थिति को बदलने के उनके संकल्प को और मजबूत किया है।

किन दिग्गजों को चुनौती

कोल्लापुर निर्वाचन क्षेत्र नगरकुरनुल जिले में आता है। शिरिषा के सामने दिग्गजों की भरमार है। अनुभवी और राजनीति के माहिर खिलाड़ी। बीआरएस विधायक बीरम हर्षवर्द्धन रेड्डी का सीधा मुकाबला कांग्रेस कद्दावर और पूर्व मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव से बताया था तो अब शिरिषा की दावेदारी ने चुनावी संग्राम को रोमांचक बना दिया है। इस निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में लोग खुद सामने आ रहे हैं। इनमें भी युवाओं की तादाद ज्यादा है।

ये भी पढ़ें- तेलंगाना की तीन बड़ी पार्टियों के 3 बड़े नेता, जो दो-दो विधानसभा सीटों से ठोक रहे हैं ताल

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Published November 30th, 2023 at 15:05 IST

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