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Updated May 1st, 2024 at 15:11 IST

सुल्तानपुर से मेनका गांधी ने भरा पर्चा,अमेठी-रायबरेली सीट पर गांधी परिवार की उम्मीदवारी पर क्या कहा?

सुल्तानपुर सीट से बीजेपी की ओर से मेनका गांधी ने पर्चा दाखिल कर दिया। इस दौरान अमेठी रायबरेली सीट से कांग्रेस दावेदारी को लेकर भी रिएक्ट किया!

Reported by: Kiran Rai
maneka gandi, priyanka gandhi and rahul gandhi
मेनका गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी | Image:x/
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Maneka Gandhi Nomination:  अमेठी रायबरेली सीट पर कांग्रेस ने अब तक दावेदारी को लेकर सस्पेंस खत्म नहीं किया है। इस सवाल का पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद मेनका गांधी ने कांग्रेस पर तंज कसा।

सधे अंदाज में मुस्कुराकर बोलीं- "नामांकन के लिए केवल 2 दिन बचे हैं, मुझे नहीं पता कि वे कब (नामों का) खुलासा करेंगे..."।

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अमेठी रायबरेली का सस्पेंस

पांचवें दौर यानि 20 मई को अमेठी सीट पर सांसदी का चुनाव होना है। कांग्रेस ने लिस्ट दर लिस्ट जारी की। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठकें भी हुई लेकिन नतीजा अब तक सामने नहीं आया है। इसको लेकर ही सियासी गलियारों में कांग्रेस की कशमकश चर्चा का विषय बन गई है। एक तरफ स्मृति ईरानी तूफानी प्रचार कर रही हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस खेमा गुमसुम सा बैठा है। मेनका गांधी से इसी सस्पेंस को लेकर जवाब सुनने की कोशिश की गई थी।

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मेनका ने भरा पर्चा

भाजपा नेता और सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से पार्टी की उम्मीदवार मेनका गांधी ने कहा, "यह एक प्रतिस्पर्धा है लेकिन मुझे लगता है कि हम जीतेंगे...इस बार चुनौती कम है।" मेनका गांधी पर बीजेपी ने लगातार दूसरी बार विश्वास जताया और सुल्तानपुर सीट से टिकट थमाया। 

सियासी सफर

वे 2019 में भी इस सीट से चुनाव जीती थीं। मेनका 2014 से 2019 तक मोदी सरकार में मंत्री भी रहीं। इससे पहले 2014 में मेनका के बेटे वरुण गांधी सांसद चुने गए थे। 2019 में वरुण गांधी को बीजेपी ने पीलीभीत से चुनाव मैदान में उतारा। इस बार वरुण  की जगह जितिन प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा गया है।

तो वहीं, मेनका 2014 में पीलीभीत सीट से सांसद चुनी गई थीं। 2004 में वो बीजेपी में शामिल हुई थीं। उन्होंने 1984 में राजीव गांधी के खिलाफ अमेठी से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन तब हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद मेनका ने 1988 में वी पी सिंह की पार्टी जनता दल पार्टी ज्वाइन की। मेनका 1989 में पहली बार पीलीभीत से चुनाव जीतकर केंद्रीय मंत्री बनी थीं।

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ये भी पढ़ें- अमेठी-रायबरेली में कांग्रेस का दावेदार कौन! क्या 1981 वाला फॉर्मूला दोहराएगी पार्टी?

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Published May 1st, 2024 at 15:11 IST

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