अपडेटेड 19 August 2025 at 11:44 IST

'हम भारत के दुश्मन नहीं...', चीनी विदेश मंत्री की ये बात ट्रंप को अच्छी नहीं लगेगी! इशारों-इशारों में अमेरिका को खूब सुनाया

चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच बैठक हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

Wang Yi-Jaishankar
Wang Yi-Jaishankar | Image: X/@DrSJaishankar

Wang Yi India Visit: भारत और चीन के रिश्ते अब सुधरने लगे हैं। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारत दौरे पर ये साफ किया कि चीन भारत का दुश्मन नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने इशारों-इशारों में अमेरिका की टैरिफ नीति पर भी खूब टिप्पणी की।

आपको बता दें कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) भारत की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे हुए हैं। चीनी विदेश मंत्री और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच बैठक हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

चीन के विदेश मंत्री का बड़ा मैसेज

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने मैसेज में अमेरिका का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारों में ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खूब सुनाया। वांग यी ने कहा कि भारत और चीन इस समय एक दूसरे को प्रतिद्वंद्वी या खतरा ना समझे, बल्कि इस संबंध को साझेदारी और अवसर के रूप में देखें।

वांग यी ने अमेरिका पर हमला करते हुए कहा कि दुनिया में एकतरफा दबाव और धौंस की प्रवृत्ति बढ़ रही है। ऐसे में भारत और चीन को मिलकर अपना वैश्विक दृष्टिकोण दिखाना पड़ेगा।

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जयशंकर ने दिया था ये बयान

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वर्तमान परिवेश में, वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना और उसे बढ़ाना भी स्पष्ट रूप से आवश्यक है। उन्होंने कहा, "आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के विरुद्ध लड़ाई हमारी एक और प्रमुख प्राथमिकता है। मैं हमारे विचारों के आदान-प्रदान की प्रतीक्षा में हूं। कुल मिलाकर, हमारी आशा है कि हमारी चर्चाएं भारत और चीन के बीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और प्रगतिशील संबंध बनाने में योगदान देंगी, जो हमारे हितों की पूर्ति करेगा और हमारी चिंताओं का समाधान करेगा।"

उन्होंने आगे कहा कि "हमारे संबंधों में एक कठिन दौर देखने के बाद, अब दोनों देश आगे बढ़ना चाहते हैं। इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इस प्रयास में, हमें तीन परस्पर सिद्धांतों - आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित - से निर्देशित होना चाहिए। मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए, न ही प्रतिस्पर्धा संघर्ष।"

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 19 August 2025 at 11:44 IST