अपडेटेड 4 December 2025 at 23:30 IST

पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली, US मीडिया उगल रहा आग, कहा- वक्त आ गया है, भारत रूस के साथ खड़ा रहे, भले ही दुनिया में मास्को...

अमेरिकी मीडिया लगातार अपने विभिन्न आर्टिकल के जरिए भारत-रूस के संबंधों की तुलना भारत-अमेरिका संबंधों से कर रहा है।

PM Modi-Putin
PM Modi-Putin | Image: X/Republic

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं, लेकिन उसकी आग अमेरिकी मीडिया में दिखाई दे रही है। अमेरिकी मीडिया को भारत-रूस की दोस्ती वैसे ही खटक रही है, जैसा डोनाल्ड ट्रंप भी बार-बार अपने शब्दों और अपने एक्शन से जाहिर करते रहे हैं।

आपको बता दें कि अमेरिकी मीडिया लगातार अपने विभिन्न आर्टिकल के जरिए भारत-रूस के संबंधों की तुलना भारत-अमेरिका संबंधों से कर रहा है। वो ये भूल रहा है कि विभिन्न देशों के साथ किसी भी देश के संबंध एक जैसे नहीं रहते।

दूसरी तरफ, भारत की तरफ से लगातार कहा गया है कि सरकार हमेशा अपने लोगों के हितों को सर्वोपरि रखेगी। अगर भारत रूस से कच्चा तेल खरीदता है, तो इसमें देश की आम जनता का फायदा है। अगर रूस आज तेल की कीमत बढ़ा देता है, तो भारत को रूस से तेल खरीद रोकने में कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि सरकार किसी भी कीमत पर आमजन के हितों के साथ सौदा नहीं करेगी।

अमेरिकी मीडिया में क्या चल रहा है?

  1. CNN की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है, जो PM मोदी के लिए टेंशन वाले समय में हो रहा है। CNN ने लिखा, “भारत US के साथ एक बहुत जरूरी ट्रेड डील पर बातचीत कर रहा है, क्योंकि उस पर 50% टैरिफ लगा था, जिसका आधा हिस्सा नई दिल्ली के लगातार डिस्काउंट पर रूसी तेल खरीदने की सीधी सजा थी। फिर भी, पुतिन के दौरे के एजेंडे में मॉस्को के साथ और भी डिफेंस डील शामिल हैं, जिसमें हथियारों की खरीद भी शामिल है, जिन्हें भारत पाकिस्तान और चीन से खुद को बचाने के लिए जरूरी मानता है।” रिपोर्ट में कहा गया है कि अब समय आ गया है कि नई दिल्ली रूस के साथ रहने को तैयार हो, भले ही मॉस्को की दुनिया भर में बदनामी हो रही हो। तेल और हथियारों के अलावा, यह डिप्लोमैटिक हेजिंग है जो बीजिंग और वाशिंगटन को दिखाती है कि दिल्ली के पास एक तीसरा ऑप्शन भी है और इससे उसे मोलभाव करने की और गुंजाइश मिलती है।”
  2. न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, "यह समय भारत के लिए खास तौर पर मुश्किल है, जो ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के साथ अपनी आर्थिक उलझन को सुलझाने का रास्ता ढूंढ रहा है। ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को फाइनेंस कर रहा है, और पिछले महीने, भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनियों ने रूसी तेल कंपनियों पर अमेरिकी बैन के बाद रूस से कच्चा तेल खरीदना लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया, जिससे उनके साथ बिजनेस करने वाली कंपनियों को खतरा पैदा हो गया। 23वीं भारत-रूस समिट दुनिया को यह संकेत देती है कि दोनों देश सोवियत काल से चले आ रहे रिश्ते के लिए कमिटेड हैं। पुतिन के लिए, यह दुनिया को यह दिखाने का मौका है कि रूस के पास ग्लोबल महत्व का एक पार्टनर है। लेकिन मोदी को रूस, जो उसका सबसे बड़ा हथियार सप्लायर है, के साथ भारत के रिश्ते को मैनेज करने और अपने सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर, अमेरिकी की मांगों को पूरा करने के बीच संतुलन बनाना होगा - और यह सब अपने देश के स्वार्थ को भी पूरा करते हुए।"
  3. US की मशहूर मैगजीन फॉरेन पॉलिसी ने एक रिपोर्ट में रूस-भारत रिश्तों पर वॉशिंगटन के नजरिए के बारे में लिखा। इसमें लिखा गया कि पुतिन और PM मोदी के बीच एनर्जी, एविएशन, जरूरी मिनरल्स और डिफेंस जैसे कई मुद्दों पर होने वाली डील्स पर चर्चा होने की उम्मीद है। फॉरेन पॉलिसी ने लिखा, “ये लोग गले मिलेंगे, नमस्ते करेंगे, और सहयोग के नए वादे करेंगे, और उन्हें ठीक ऐसा ही होना चाहिए। जैसे-जैसे भारत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसीज के गुस्से का सामना कर रहा है, पाकिस्तान के साथ दशकों में अपने सबसे बुरे झगड़े से जूझ रहा है, और बड़ी क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना कर रहा है, यह साफ है कि उसे अपने करीबी रूसी दोस्त की पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।”

पुतिन का शेड्यूल

  • 5 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम होगा। पहले सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन के फोरकोर्ट में रूसी राष्ट्रपति का गार्ड ऑफ ऑनर से स्वागत किया जाएगा। तीनों सेना उन्हें सलामी देगी।
  • पुतिन इसके बाद राजघाट जाएंगे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे।
  • शुक्रवार, 5 दिसंबर सुबह करीब 11 बजे पीएम मोदी और पुतिन के बीच हैदराबाद हाउस में 23वीं भारत-रूस शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा। इस बैठक में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और रणनीतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। दोनों नेताओं की ओर से इस पर एक संयुक्त बयान भी जारी किया जाएगा।
  • पीएम मोदी और पुतिन बिजनेस लीडर्स से मिलने भारत मंडपम जाएंगे। करीब 4 बजे दोनों नेता भारत-रूस बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे।
  • पुतिन के सम्मान में 5 दिसंबर की शाम 7 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रात्रिभोज का आयोजन करेंगी। रॉयल डिनर के बाद वो रूस के लिए रवाना हो जाएंगे।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 4 December 2025 at 23:30 IST