अपडेटेड 28 August 2025 at 12:37 IST
कई सालों से गिड़गिड़ा रहा था ड्रैगन, अब हुई दुआ कबूल... 7 साल बाद चीन में जिनपिंग के साथ बैठक करेंगे PM मोदी; ट्रंप की बढ़ेगी धड़कन!
PM Modi China Visit: 2018 के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते चीनी नेता शी जिनपिंग द्वारा आयोजित एक समिट में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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PM Modi China Visit: पांच साल पहले हिमालय की ऊंचाई पर हुई एक घातक झड़प के बाद जमे हुए रिश्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक दबाव के कारण अब पिघलते दिख रहे हैं। 2018 के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते चीनी नेता शी जिनपिंग द्वारा आयोजित एक समिट में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे। यह यात्रा ट्रंप द्वारा भारत से आयात पर 50% का कठोर शुल्क लगाने के बाद हो रही है।
ऐसा माना जा रहा है कि 7 सालों में पहली बार चीन में दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक भी हो सकती है, जिसकी मेजबानी शी जिनपिंग करेंगे। हालांकि, रूस की तरफ से जो बयान आया है, उसमें त्रिपक्षीय बैठक की उम्मीद जताई गई है। अगर ऐसा होता है तो ट्रंप की धड़कनें बढ़ने वाली है, क्योंकि ये तो तय है कि इस बैठक पर ट्रंप की पूरी नजर होगी।
SCO का अब तक का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन
PM मोदी के साथ, रूस, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के वर्ल्ड लीडर्स शी जिनपिंग के साथ बैठक में शामिल होंगे। बीजिंग के अनुसार, यह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का अब तक का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन होगा। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) मॉस्को और बीजिंग द्वारा स्थापित एक क्षेत्रीय सुरक्षा समूह है जिसका उद्देश्य वैश्विक शक्ति संतुलन को नया रूप देना है।
अमेरिकी मीडिया के अनुसार, इस आयोजन में भारत की उपस्थिति दो एशियाई शक्तियों के बीच प्रगाढ़ होते संबंधों का अब तक का सबसे स्पष्ट उदाहरण है। दुनिया के पटल पर ये उभरते हुए रिश्ते चीन के खिलाफ नई दिल्ली को अपना हथियार बनाने के अमेरिकी प्रयासों पर पानी फेर सकता है। भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों में पहले से ही सुधार की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन जानकारों का कहना है कि ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीतियां दोनों नेताओं को एक जरूरी साझेदारी तलाशने पर मजबूर कर रही हैं।
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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन जिनपिंग से मिले थे मोदी
PM मोदी ने आखिरी बार पिछले साल रूस के कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग और पुतिन के साथ एक ही मंच साझा किया था। इस बीच पिछले हफ्ते नई दिल्ली में रूसी दूतावास के अधिकारियों ने कहा कि मॉस्को को उम्मीद है कि चीन और भारत के साथ त्रिपक्षीय वार्ता जल्द ही होगी। जानकारों का कहना है कि शी इस शिखर सम्मेलन का उपयोग यह दिखाने के अवसर के रूप में करना चाहेंगे कि अमेरिकी नेतृत्व के बिना अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कैसी दिखने वाली है और जनवरी से चीन, ईरान, रूस और अब भारत का मुकाबला करने के व्हाइट हाउस के सभी प्रयासों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 28 August 2025 at 12:37 IST