अपडेटेड 29 September 2025 at 22:57 IST

ट्रंप के साथ बैठक कर रहे थे नेतन्याहू, व्हाइट हाउस से ही मिलाया कतर PM को फोन, हमले के लिए मांगी माफी

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को व्हाइट हाउस से कतर के प्रधानमंत्री को फोन करके दोहा पर हुए हालिया हमले के लिए माफी मांगी।

US President Donald Trump and Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu are scheduled to meet in the Oval Office, and a joint press conference is expected later.
डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू | Image: AP File

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को व्हाइट हाउस से कतर के प्रधानमंत्री को फोन करके दोहा पर हुए हालिया हमले के लिए माफी मांगी। आपको बता दें कि इस हमले में हमास के वरिष्ठ अधिकारियों सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। यह माफी व्हाइट हाउस से एक फोन कॉल के दौरान आई, जहां नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी।

इस महीने की शुरुआत में दोहा में वरिष्ठ हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए इजरायली अभियान ने अमेरिका-इजरायल संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है, और ट्रंप नेतन्याहू के एकतरफा कदमों से लगातार निराश हो रहे हैं। इस हमले में हमास के वरिष्ठ अधिकारी खलील अल-हय्या के बेटे और एक सहयोगी जिहाद लबाद सहित पांच लोग मारे गए थे।

इजरायली हमलों के बाद गाजा युद्धविराम वार्ता में मिस्र के साथ एक प्रमुख मध्यस्थ, कतर ने इस हमले की निंदा कायरतापूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए की थी।

'इजरायल और अमेरिका दोनों जिम्मेदार'

हमास ने दोहा हमले के लिए इजरायल और अमेरिका दोनों को जिम्मेदार ठहराया और वाशिंगटन पर संयुक्त रूप से जिम्मेदार होने का आरोप लगाया। एक बयान में समूह ने कहा कि हत्या के प्रयास से उसके वार्ता रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा, और कहा, "इजरायल विफल हो गया है।" बाद में नेतन्याहू ने कतर को हमास अधिकारियों को निष्कासित करने या उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की चेतावनी दी। दोहा ने जवाब में उनकी टिप्पणियों को लापरवाही भरा बताया।

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ट्रंप ने लगाई थी फटकार

आपको बता दें कि इस माफी को संबंधों को सुधारने और क्षेत्र में आगे तनाव बढ़ने से रोकने के कूटनीतिक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका नेतन्याहू के कार्यों की आलोचना करता रहा है, और ट्रंप ने फोन पर हुई एक गर्मजोशी भरी बातचीत में उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि यह हमला नासमझी भरा था। ट्रंप ने इस बात पर निराशा व्यक्त की थी कि इस ऑपरेशन से संवेदनशील क्षेत्रीय कूटनीति को अस्थिर करने का जोखिम है। नेतन्याहू ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि उनके पास कार्रवाई करने के लिए बहुत कम समय बचा है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 29 September 2025 at 22:57 IST