अपडेटेड 21 October 2025 at 18:29 IST

Iran: खामेनेई के करीबी की बेटी ने पहनी कम कपड़े वाली पोशाक तो सोशल मीडिया पर बवाल; लोग पूछ रहे- महसा अमीनी को क्यों मारा? VIDEO

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के शासन के खिलाफ एक शादी के वीडियो ने नए सिरे से आक्रोश पैदा कर दिया है।

Khamenei
Khamenei | Image: AP/X

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के शासन के खिलाफ एक शादी के वीडियो ने नए सिरे से आक्रोश पैदा कर दिया है। ऑनलाइन वायरल हुए इस वीडियो में सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के एक वरिष्ठ सहयोगी की बेटी को एक नीची गर्दन वाली, बिना आस्तीन वाली सफेद शादी की पोशाक पहने हुए दिखाया गया है।

महिला की पहचान फतेमेह के रूप में हुई है और उसके पिता अली शमखानी हैं, जो खामेनेई के वरिष्ठ सहयोगी हैं। वह ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व सचिव थे। वीडियो में वह अपनी बेटी को तेहरान के आलीशान एस्पिनास पैलेस होटल में ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो ने पूरे ईरान में आक्रोश पैदा कर दिया है, और कई लोग इसे शासन का घोर पाखंड बता रहे हैं, जिसने ईरानी महिलाओं को सख्त हिजाब कानूनों का पालन करने के लिए मजबूर किया है।

पुराना इंटरव्यू भी वायरल

एक इंटरव्यू में खामेनेई से सवाल पूछा गया था कि क्या किसी बेचारी वेश्या, अपने पति से बेवफा औरत, या किसी दूसरे मर्द से प्यार करने वाले मर्द को गोली मारना सही है? इस पर खामेनेई ने कहा था, "मैं जानता हूं कि ऐसे समाज भी हैं जहां महिलाओं को अपने पति के अलावा किसी और मर्द की इच्छाओं के आगे झुकने की इजाजत है, और जहां पुरुषों को दूसरे मर्दों की इच्छाओं के आगे झुकने की इजाजत है। लेकिन हम जिस समाज का निर्माण करना चाहते हैं, वह ऐसी चीजों की इजाजत नहीं देता। इस्लाम में हम समाज को शुद्ध करने की नीति लागू करना चाहते हैं, और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें अपने युवाओं में बुराई फैलाने वालों को सजा देनी होगी। क्या आप भी ऐसा ही नहीं करते? जब एक चोर चोर होता है, तो क्या आप उसे जेल में नहीं डालते? कई देशों में, क्या आप हत्यारों को भी फांसी नहीं देते? क्या आप इस व्यवस्था का इस्तेमाल इसलिए नहीं करते क्योंकि अगर वे आजाद और जिंदा रहे, तो वे दूसरों को संक्रमित करेंगे और वायरस फैलाएंगे?"

‘क्रांति में योगदान देने वाली महिलाएं इस्लामी पोशाक पहनने वाली’

ईरान के सुप्रीम लीडर ने ये भी कहा था कि क्रांति में योगदान देने वाली महिलाएं इस्लामी पोशाक पहनने वाली महिलाएं थीं और हैं, न कि आपकी तरह सजी-धजी महिलाएं जो नंगी घूमती हैं और पुरुषों को अपनी पूंछ में घसीटती हैं। वे चुलबुली लड़कियां जो मेकअप करके सड़कों पर निकलती हैं, अपनी गर्दन, अपने बाल और अपना फिगर दिखाती हैं, उन्होंने शाह के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने कभी कुछ अच्छा नहीं किया, न ही उन पुरुषों ने। वे नहीं जानतीं कि सामाजिक, राजनीतिक या पेशेवर रूप से उपयोगी कैसे बनें। और ऐसा इसलिए है क्योंकि खुद को उजागर करके, वे पुरुषों का ध्यान भटकाती हैं और उन्हें परेशान करती हैं। फिर वे दूसरों का भी ध्यान भटकाती हैं और उन्हें परेशान करती हैं।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः CM नीतीश ने BJP महिला उम्मीदवार को पहना दी माला; रोका तो भड़के

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 21 October 2025 at 18:29 IST