अपडेटेड 11 August 2024 at 17:34 IST

टुकड़ों-टुकड़ों में बंटी लाशें, 11 बच्चों ने भी तोड़ा दम...स्कूल ब्लास्ट के खौफनाक मंजर ने उड़ाई नीद

Hamas-Israel War: गाजा के स्कूल कॉम्प्लेक्स में इजरायली हमले के बाद खौफनाक मंजर नजर आया।

Gaza Dead bodies cut into pieces
टुकड़ों-टुकड़ों में बंटी लाशें, 11 बच्चों ने भी तोड़ा दम... | Image: AP

Gaza: गाजा के स्कूल कॉम्प्लेक्स में इजरायली हमले के बाद खौफनाक मंजर नजर आया। हमले के बाद गाजावासियों ने वहां की स्थिति बयां की और बताया कि कई लोगों की लाशें टुकड़ों-टुकड़ों में बंट गई थी।

आपको बता दें कि इस हमले में करीब 100 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 11 बच्चे और 6 महिलाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि करीब 200 लोग प्रार्थना सभा के लिए स्कूल कॉम्प्लेक्स में इकट्ठा हुए थे।

गाजावासियों ने बताई आंखों-देखी

अमेरिकी मीडिया के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमले के बाद जिंदा बचे लोग, जिनमें से कुछ बच्चे थे, मलबे में से निकल रहे थे और आसपास बिखरे शरीर के अंगों को इकट्ठा कर रहे थे। ये ऐसा भयानक मंजर था, जो सुनने वालों की भी नींदें उड़ा दे। एक व्यक्ति ने कहा कि सभी मृतक टुकड़ों में हैं। हम नहीं जानते कि वे घायलों को बचा पाएंगे या नहीं।

अल-अहली के एक डॉक्टर खामिस एलेसी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, "हमें 70 से अधिक पीड़ित मिले, जिन्हें गंभीर घाव और जो गंभीर रूप से जल गए थे। उनकी स्किन पिघल गई थी। कई अन्य लोगों ने अपने अंग खो दिए हैं और घायलों में कई महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों में से 83 को अल-अहली लाया गया और उनमें से 73 की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि अन्य 10 की पहचान अभी नहीं की जा सकी है क्योंकि वे विस्फोट में विकृत हो गए थे।

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ये है मामला

अमेरिकी मीडिया के अनुसार, नागरिक सुरक्षा प्रवक्ता महमूद बसल ने कहा कि मृतकों में 11 बच्चे और छह महिलाएं शामिल हैं, साथ ही कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। इजरायली सेना ने मरने वालों की संख्या नहीं बताई, लेकिन गाजा अधिकारियों के दावों पर सवाल उठाया। मरने वालों की संख्या की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है।

बसल ने बताया कि हवाई हमले में दो मंजिलें प्रभावित हुईं, जिनमें से एक का इस्तेमाल सांप्रदायिक प्रार्थनाओं के लिए और दूसरे का इस्तेमाल महिलाओं और बच्चों को आश्रय देने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर के अंदर प्रार्थना कक्ष का उपयोग 10 महीने पुराने युद्ध की शुरुआत से ही पूजा के लिए किया जाता रहा है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 11 August 2024 at 17:34 IST