अपडेटेड 11 August 2024 at 17:09 IST
बगावत में बदली आईलैंड पर अदावत, क्या अमेरिका ने लिखी बांग्लादेश में बर्बादी की पटकथा?
दावा है कि अमेरिका की महत्वाकांक्षा ने शेख हसीना का शासन 'नीलाम' कर दिया। लोकतंत्र बनाम तानाशाही का नाम देकर कैसे ढाका को सुलगाया गया, ये पूरी दुनिया ने देखा।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Bangladesh Crisis News: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं। बांग्लादेश के बर्बादी के पीछे पाकिस्तान और अमेरिका की साजिश की बू आ रही है। शेख हसीना ने भी इसके पीछे अमेरिका का हाथ बताया है और रक्षा विशेषज्ञ भी इसके पीछे अमेरिका की CIA का हाथ मान रहे हैं। शेख हसीना ने आरोप लगाया है कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप चाहता था और सुपरपावर के इसी लालच ने तख्तापलट करा दिया।
बांग्लादेश में एक जमीन के टुकड़े ने पूरी सत्ता बदल दी। एक आईलैंड पर अदावत बगावत में बदल गई। आरोप है कि जो दुनिया में सबसे ताकतवर है, जो छोटे देशों को अपनी उंगलियों पर नचाने की कोशिश करता है। उसने बांग्लादेश में बर्बादी की पटकथा लिखी है। दावा है कि अमेरिका की महत्वाकांक्षा ने शेख हसीना का शासन 'नीलाम' कर दिया। लोकतंत्र बनाम तानाशाही का नाम देकर कैसे ढाका को सुलगाया गया, ये पूरी दुनिया ने देखा है। शेख हसीना को देश तो छोड़ना ही पड़ा साथ ही 500 से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी।
मिलिट्री एयरबेस बनाना चाहता था अमेरिका
रिटायर मेजर जनरल अश्वनी श्रीवास्तव भी मानते हैं कि बांग्लादेश में जो हुआ वो सिर्फ छात्रों का आंदोलन नहीं था। इसमें जमात ए इस्लामी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और अमेरिका की CIA ने मुख्य भूमिक निभाई है। अश्वनी श्रीवास्तव मानते हैं कि शेख हसीना की सरकार लगातार अच्छा कर रही थी। बांग्लादेश में जो हुआ उसमें CIA की सबसे ज्यादा भूमिका है। अमेरिका, शेख हसीना से बे ऑफ बंगाल का सेंट मार्टिन द्वीप मिलिट्री एयरबेस बनाने के लिए लेना चाहता था। यहां से अमेरिका बे ऑफ बंगाल में चीन की गतिविधियों पर नजर रखना चाहता था, लेकिन इसके लिए शेख हसीना तैयार नहीं थीं। रिटायर मेजर जनरल अश्वनी श्रीवास्तव का मानना है कि बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों का ये ही एक कारण है।
शेख हसीना ने कर दिया था मना
सेंट मार्टिन आईलैंड बंगाल की खाड़ी में मौजूद करीब तीन वर्ग किलोमीटर का समुद्री टापू है। ये आधिकारिक रूप से बांग्लादेश की सीमा में आता है। शेख हसीना ने इसे देने से खुल्लम खुल्ला इनकार कर दिया था। अमेरीका लंबे वक्त से बांग्लादेश पर दबाव डाल रहा था कि ये आइलैंड उसे दे दे। ताकि वो यहां पर एक सैन्य बेस बनाकर दक्षिण एशिया में अपनी धमक बना सके चीन के पर कतरने के साथ ही भारत पर नजर भी रख सके।
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मैं जल्दी ही वापस आऊंगी?
शेख हसीना ने आइलैंड अमेरिका को दिया नहीं, इसके बदले उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी। अब शायद फिर से शेख हसीना तख्तापलट का बदला लेने की रणनीति तैयार कर रही है। पहले उनके बेटे ने कहा था कि अब मेरी मां सियासत नहीं करेंगी। अब शेख हसीना ने बांग्लादेश के नाम संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा-
'अगर मैं अमेरिका को सैंट मार्टिन आईलैंड दे देती, तो मैं सत्ता में बनी रहती। ये लोग छात्रों के शवों पर सत्ता चाहते हैं। मैं देश नहीं छोड़ती, तो लोगों की अधिक जानें जाती। चिंता मत कीजिए, मैं जल्दी ही वापस आऊंगी। मैं आपसे विनती करती हूं कि कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएं।'
बांग्लादेश की मौजूदा सरकार को अमेरिका और ISI की कठपुतली माना जा रहा है। ये बांग्लादेश के साथ-साथ भारत के लिए भी एक खतरा है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में मोहम्मद यूनुस को नेता चुना है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 11 August 2024 at 17:09 IST