अपडेटेड 11 September 2025 at 19:37 IST

EXCLUSIVE/ कौन हैं नेपाल में GEN-Z विद्रोह के मास्टरमाइंड? संसद के बाहर पुलिस फायरिंग में गोली लगने वाले आशुतोष बसनेत ने बताई आंखों देखी कहानी

नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान चेहरे और सीने में गोली लगने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में जेनरेशन जेड के नेतृत्व वाले आंदोलन के चेहरे के रूप में व्यापक रूप से देखे जाने वाले आशुतोष बसनेत ने रिपब्लिक के साथ बातचीत में बड़े खुलासे किए हैं।

Ashutosh Basnet
Ashutosh Basnet | Image: AP/Republic

काठमांडू: नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान चेहरे और सीने में गोली लगने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में जेनरेशन जेड के नेतृत्व वाले आंदोलन के चेहरे के रूप में व्यापक रूप से देखे जाने वाले आशुतोष बसनेत ने रिपब्लिक के साथ बातचीत में बड़े खुलासे किए हैं। खुलकर बोलते हुए बसनेत ने पुष्टि की है कि विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की गई थी, अशांति के पीछे एक मास्टरमाइंड था, और भ्रष्टाचार ने युवा विद्रोह को जन्म दिया। बसनेत ने इस आंदोलन की जड़ें लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक कुप्रबंधन की प्रतिक्रिया के रूप में बताईं।

उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार कई सालों से चल रहा है और हालिया विरोध प्रदर्शन उसी का एक परिणाम था। एक नया चलन सामने आया है - हम इंडोनेशिया की तरह नेपो बच्चों के पीछे पड़ गए। हम जेनरेशन जेड ने 8 सितंबर को विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध ने इसे और भड़का दिया।"

उन्होंने बताया कि 8 सितंबर को लगभग 30,000 छात्र संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए थे। बसनेत ने याद करते हुए कहा, "8 सितंबर को हमारा विरोध प्रदर्शन बहुत शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। जैसे ही हम संसद पहुंचे, हिंसा भड़क उठी। पुलिस ने हम पर गोली चलाई और मुझे गोली लगी।"

इंडोनेशियाई अशांति से प्रेरित

युवा नेता ने जोर देकर कहा कि विरोध प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय आंदोलनों से प्रेरित थे। उन्होंने कहा, "हमारे विरोध प्रदर्शन इंडोनेशियाई अशांति से प्रेरित थे। हमने इंडोनेशिया की तरह ही नेपो बच्चों पर हमला किया।" उन्होंने इस आक्रोश को राजनेताओं के बच्चों और टैक्सपेयर्स के पैसे के दुरुपयोग से जोड़ा। बसनेत ने रिपब्लिक को बताया, “गुस्सा उन राजनेताओं के खिलाफ था जिन्होंने मेरे माता-पिता के टैक्सपेयर्स के पैसे चुराए।”

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बसनेत द्वारा उठाए गए सबसे महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक घुसपैठ के बारे में था। उन्होंने खुलासा किया, "हां, कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शनों का फायदा उठाया। अपराधियों ने विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की।" उनके अनुसार, हिंसा बाहरी लोगों द्वारा भड़काई गई थी। उन्होंने आगे कहा, "हिंसा उन लोगों द्वारा भड़काई गई जो वहां मौजूद नहीं थे, उन्होंने घुसपैठ की।"

"एक मास्टरमाइंड है"

बसनेत के इंटरव्यू का सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह था कि उन्होंने अशांति के पीछे अदृश्य शक्तियों का हाथ होने का दावा किया। उन्होंने कहा, "मास्टरमाइंड कौन है, यह तो पक्का नहीं है, लेकिन एक मास्टरमाइंड जरूर है।" उन्होंने विस्तार से बताया कि को-ऑर्डिनेशन कैसे हुआ: “कुछ प्रभावशाली लोगों ने लोगों को एक साथ लाया, उन्होंने इसकी योजना बनाने में मदद की। उन्होंने लोगों को एक खास जगह और समय पर इकट्ठा होने के लिए कहा। जगह तय थी, समय तय था - छात्रों को बस इकट्ठा होना था।”

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बसनेत ने स्पष्ट किया कि प्रदर्शनकारियों का पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की से कोई संबंध नहीं था, जब तक कि उनका नाम हाल ही में सामने नहीं आया। उन्होंने कहा, "कल तक हममें से कोई नहीं जानता था कि सुशीला कार्की कौन थीं।" हालांकि, उन्होंने काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेंद्र शाह (बालेन) से नैतिक समर्थन की पुष्टि की। बसनेत ने कहा, "काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने हमें नैतिक समर्थन दिया।" उन्होंने अन्य क्षेत्रीय विरोध प्रदर्शनों से भी तुलना की: "बांग्लादेश में भी हालात ऐसे ही रहे।"

प्रदर्शनों की बढ़ती संख्या

सरकार द्वारा प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के बाद 8 सितंबर को शुरू हुए ये विरोध प्रदर्शन तब से हिंसक हो गए हैं। काठमांडू पोस्ट के अनुसार, काठमांडू घाटी में मरने वालों की संख्या 31 हो गई है और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि 25 पीड़ितों की पहचान हो गई है, जबकि छह की पहचान नहीं हो पाई है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 11 September 2025 at 19:37 IST