Published 23:30 IST, September 3rd 2024
EXPLAINER/ चीन की सबसे बड़ी शर्मिंदगी पर ताइवान ने ली चुटकी, रूस ने छीन रखी है इतनी जमीन; भारत से भी है संबंध
China Land Dispute: ताइवान ने चीन को जमीन छीनने को लेकर आईना दिखाया है।
New Delhi: रूस ने चीन के 10 लाख वर्ग किमी इलाके पर कब्जा कर रखा है। इसको लेकर ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने चुटकी लेते हुए कहा कि चीन ताइवान पर अपना हक समझता है और उसपर कब्जा करना चाहता है। ऐसे में उसकी 10 लाख वर्ग किमी की जमीन, जिसपर रूस का कब्जा है, बीजिंग सरकार को उसे भी वापस लेना चाहिए।
आपको बता दें कि चीन लगातार ताइवान को धमकी देता रहता है कि ताइवान उसका है और वो उस पर कब्जा करने के लिए हमला भी कर सकता है।
चीन जिन दो संधियों को मान्यता देने से इनकार करता रहा है, उनमें रूस और ताइवान के साथ हुई संधि शामिल है। रूस के साथ उसकी संधि साल 1858 में हुई थी। दूसरे अफीम युद्ध में चीन हार गया था, जिसके बाद इस संधि के तहत चीन की 10 लाख वर्ग किमी की जमीन रूस के हवाले हो गई थी। शुरुआत में क्विंग साम्राज्य ने इस संधि को मानने से इनकार कर दिया था, लेकिन फिर उसे साल 1860 में इस संधि को मानना पड़ा।
इसके बाद भी अबतक इस जमीन को लेकर चीन की तरफ से आवाज उठती रही है। पिछले दिनों चीन के कुछ राष्ट्रवादियों ने व्लादिवोस्तोक, जिसे पहले हैशेंगवेई के नाम से जाना जाता था, पर अपना दावा ठोका और कहा कि पुतिन को इसे वापस चीन को सौंप देना चाहिए। रूस का मानना है कि चीन से संबंध बिगड़े तो वो चीनी जमीन पर कब्जा करने के लिए हमला भी कर सकता है।
रूस के व्लादिवोस्तोक की जमीन को कई सालों से काफी अहम माना गया है। बताया जाता है कि यह जमीन प्राकृतिक संसाधनों का भंडार है। जानकारों का कहना है कि इस जमीन के आसपास तेल और गैस के भंडार हैं। अब इस मामले में भारत की एंट्री कैसे हुई, ये भी एक रोचका किस्सा है।
असल में, व्लादिवोस्तोक इलाके पर रूस अपना दावा जरूर ठोकता है, लेकिन यहां रूसी आबादी काफी कम है। रूस को डर है कि चीन उसपर हमला कर सकता है और इस इलाके को अपने कब्जे में ले सकता है। ऐसे में रूस ने भारत से संपर्क कर इन इलाकों में शहर बसाने की अपील की है। बताया जाता है कि भारत इन क्षेत्रों में कई सालों से निवेश भी कर रहा है।
Updated 23:30 IST, September 3rd 2024