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Updated April 22nd, 2024 at 10:43 IST

Pakistan: भिखारी-आतंकियों के बाद अब चप्पल चोर! पाकिस्तानी सांसदों को नंगे पैर जाना पड़ा घर

पाकिस्तान एक बार फिर गलत वजहों से चर्चा में है। इस बार कुछ पाकिस्तानियों ने अपने ही सांसदों की चप्पल चुरा फजीहत करा दी।

Reported by: Kiran Rai
pakistani parliamentarians footwear stolen
20 जोड़ी जूते-चप्पल ले उड़े चोर | Image:x/republic
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Pakistan News: पाकिस्तानी संसद में सांसदों और पत्रकारों के जूते चप्पल चोरी हो गए। उस समय जब सभी इबादत की राह पर थे।  यानि सांसद, पत्रकार और संसद का स्टाफ परिसर में मौजूद मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने गए थे तब चोर फुटवियर उड़ा ले गए।

पाकिस्तान की मीडिया में ही नहीं दुनिया भर में ये गुस्ताखी चर्चा का सबब बन गई है। जिसमें बताया गया है कि जब लोग मस्जिद से बाहर आए तो उनके जूते चोरी हो चुके थे। एक दो नहीं चोर 20 जोड़ी जूते ले उड़े। नतीजतन सांसदों को नंगे पैर ही सदन में लौटना पड़ा।

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शर्मसार हुआ पाकिस्तान

दुनिया के सामने इस करतूत के सामने आने से एक बार फिर पाकिस्तान शर्मसार हुआ है। फजीहत के बाद  नेशनल असेंबली स्पीकर सरदार अयाज सादिक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पाक मीडिया के मुताबिक नमाज के वक्त संसद में मौजूद सुरक्षा अधिकारी अपनी पोजिशन पर तैनात नहीं थे। स्पीकर के आदेश के बाद जॉइंट सेक्रेटरी और वरिष्ठ पुलिस अफसर मामले की जांच करेंगे। CCTV फुटेज के जरिए चप्पल चोरों की निशानदेही की जा रही है।

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रक्षा मंत्री बिफरे, बोले- ये भिखारी माफियाओं का काम

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस चोरी के पीछे भिखारी माफियाओं का हाथ बताया है। आसिफ ने कहा, "पाकिस्तान में भिखारियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। इनके खिलाफ जागरूकता के लिए अभियान भी चलाया गया है, जिसमें बड़े क्रिकेटर्स भी हिस्सा ले रहे हैं।" आगे कहा- किसी शहर में भिखारी दिखते ही इसकी सूचना पुलिस को दी जाती है। पाकिस्तान में भीख मांगना एक बड़ा बिजनेस बन चुका है। करीब 10% आबादी इस धंधे से जुड़ी है। हम बड़ी संख्या में भिखारियों को एक्सपोर्ट भी करते हैं।

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हाल ही में ईद के मौके पर पाकिस्तान के लाखों भिखारी कराची पहुंचे थे। शहर की सड़कों, बाजारों और मॉल तक में भिखारियों का जमावड़ा लगा था। कराची के AIG याकूब मिन्हास ने बताया था कि ये भिखारी सिंध और बलूचिस्तान प्रांत से आए थे। जिन्हें पकड़ने के लिए CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाने की बात कही थी।

पाकिस्तानी मीडिया ने 20 जोड़ी जूतों की चोरी को बताया शर्मसार करने वाली हरकत

गरीब पाकिस्तान का दर्द- भिखारी

पाकिस्तान पिछले कई सालों से राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। इस वजह से आर्थिक हालात भी बद्दतर हो गए हैं। आए दिन भुखमरी और बेरोजगारी से परेशान आम लोग सड़क पर हुड़दंग और उपद्रव करते भी नजर आते हैं। देश में आम जरूरत के सामानों की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल दिख रहा है। 
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 8 बिलियन डॉलर है, जो करीब डेढ़ महीने तक के सामानों के आयात जितना ही है। तकनीकी तौर पर देश के पास कम से कम 3 महीने के सामान के आयात जितना पैसा होना चाहिए। 2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की संभावना है। फिलहाल एक डॉलर की कीमत 276 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है।

सितंबर 2023 में जारी वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट के मुाबिक, पाकिस्तान में 9.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। यह कुल आबादी 24 करोड़ का 39.4% है। इनकी दिनभर की कमाई 3.65 डॉलर यानी 1,048 पाकिस्तानी रुपए है। जो भारत के 300 रुपए के बराबर है।

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जग हंसाई करा रहे पाकिस्तानी भिखारी

2023 में पाकिस्तानी के नामचीन मीडिया हाउस ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें बताया गया था कि दुनियाभर में गिरफ्तार होने वाले भिखारियों में से 90 फीसदी पाकिस्तानी मूल के होते हैं। पाकिस्तान के ओवरसीज मिनिस्ट्री सेक्रेटरी जुल्फिकार हैदर ने कहा था कि कई भिखारियों ने सऊदी अरब, ईरान और इराक जाने के लिए तीर्थयात्रियों को मिलने वाले वीजा का दुरुपयोग किया था। रिपोर्ट ने दावा किया था कि हरम जैसी पवित्र जगहों पर बड़ी तादाद में जेबकतरों को गिरफ्तार किया गया था। जिनकी पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में हुई थी। पाकिस्तान को आतंकियों के स्वर्ग के तौर पर भी जाना जाता है। पाकिस्तान के सभी पड़ोसी देशों से लेकर अमेरिका , रूस समेत पश्चिमी देशों का ये आरोप रहा है कि पाकिस्तान प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विभिन्न आतंकी कार्रवाइयों में शामिल रहा है।  २०११ में ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में जिस तरह अमेरिका ने घुसकर मारा वो भी सुर्खियों में है। प्रमुख इस्लामी आतंकी संस्थाएँ जैसे लश्कर-ए-तैयबा, लश्कर-ए-ओमर, जैश-ए-मोहम्मद, हरकतुल मुजाहिद्दीन, हिज़्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठन यहां फलते फूलते रहे हैं और इसके सबूत भी कई बार पेश किए जाते रहे हैं। 

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Published April 22nd, 2024 at 10:43 IST

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