Feb 24, 2025
Garima Gargनमामीशमीशान निर्वाणरूपंविभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाकाशमाकाशवासं भजेहम्
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निराकारमोङ्करमूलं तुरीयंगिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।करालं महाकालकालं कृपालंगुणागारसंसारपारं नतोहम्
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तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरंमनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गालसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा
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चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालंप्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालंप्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि
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प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशंअखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
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त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिंभजेहं भवानीपतिं भावगम्यम्
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारीसदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
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चिदानन्दसंदोह मोहापहारीप्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
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न यावद् उमानाथपादारविन्दंभजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
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न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशंप्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं
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न जानामि योगं जपं नैव पूजांनतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानंप्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो
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