Mar 13, 2025
Kajal .होलिका दहन मुहूर्त
होलिका दहन का समय देर रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक है। 64 मिनट तक होलिका दहन किया जा सकता है।
Source: Meta AI
स्थान का चयन
सबसे पहले, होलिका दहन के लिए एक उपयुक्त स्थान चुनें, जहाँ पर कोई रुकावट न हो और वातावरण शांत हो।
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होलिका का निर्माण
होलिका का ढांचा लकड़ी, सूखी घास, गोबर के उपले और अन्य सामग्रियों से तैयार करें। यह ढांचा होलिका की मूर्ति का प्रतीक होता है।
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पूजा सामग्री
अक्षत (चि़ड़े हुए चावल), ताजे फूल, काले तिल, गुग्गुल, चंदन, मोती, सिक्के या अन्य शुभ वस्तुएं, दीपक और धूप आदि सामग्री पूजा के लिए एकत्रित करें।
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पूजन स्थल तैयार करें
होलिका के पास एक चौकी लगाकर पूजा के लिए स्थान तैयार करें। इस स्थान पर जल, दीपक और अन्य पूजन सामग्री रखें।
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होलिका की पूजा करें
अब होलिका के सामने दीपक जलाकर, धूप अर्पित करें और चंदन का तिलक करें। इसके बाद, अक्षत, ताजे फूल, और काले तिल डालें।
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मंत्रों का जाप करें
होलिका पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करें, जैसे "ॐ होलिकायै नमः", "ॐ रक्षोवधाय स्वाहा।"
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आग लगाएं
पूजा के बाद होलिका को आग से प्रज्वलित करें और उसकी चारों ओर परिक्रमा करें। इस दौरान अपने मन के सभी बुरे विचारों और पापों को जलाने का संकल्प लें।
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प्रसाद वितरण
जब होलिका पूरी तरह से जल जाए, तो पूजा की सामग्री जैसे फूल, तिल, अक्षत आदि प्रसाद के रूप में बांटें।
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घर में पूजा करें
होलिका दहन के बाद घर में भी पूजा करें, ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। घर के हर कोने में दीपक जलाएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
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