Feb 28, 2025
Kanak Kumari Jhaउत्तराखंड के बद्रीनाथ में ग्लेशियर टूटने से 57 मजदूर दब गए। हालांकि, सभी मजदूरों को बचाने के लिए वहां की स्थानीय टीम जुटी हुई है।
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DG ITBP और DG NDRF की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
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अबतक करीब 16 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। भारी बर्फबारी की वजह से घुटनों तक बर्फ जमा है। मजदूरों को निकालने में परेशानी हो रही है।
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बद्रीनाथ मंदिर से 3 किलोमीटर दूर यह एवलांच हादसा हुआ। हिमस्खलन के कारण माणा और बद्रीनाथ के बीच सीमा सड़क संगठन का एक शिविर दब गया है।
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हनुमान चट्टी से आगे हाइवे बंद है। माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है।
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हादसे के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कंट्रोल रूम में खुद मोर्चा संभाल लिया है। देहरादून में CM धामी ने आपदा कंट्रोल ऑफिस में अधिकारियों संग बैठक कर हिमस्खलन की जानकारी ली।
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मुख्य सचिव ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन, ITBP, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा बचाव और राहत कार्य शुरू किया।
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देहरादून स्थित मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह इन जिलों में 3,500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई पर स्थित स्थानों पर भारी बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया था।
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किसी के हताहत होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। घायलों को फिलहाल माणा गांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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माणा गांव को भारत का पहला गांव भी कहा जाता है। यहां सेना का बेस कैंप है। लिहाजा सेना सबसे पहले बचाव कार्य में जुटी है।
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