Updated April 29th, 2024 at 16:49 IST
'पाकिस्तानी खिलाड़ियों को इंग्लिश...', विदेशी कोच रखने पर मीडिया ने PCB से पूछा कड़वा सवाल; फिर...
पाकिस्तान मीडिया ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए विदेश कोचों की नियुक्ति पर PCB से कड़वा सवाल पूछा है। दरअसल इंग्लिश भाषा के मसला पर सवाल उठाया गया है।
- स्पोर्ट्स
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Pakistan Cricket Team: पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) की पिछले कुछ समय से लगातार फजीहत हो रही है। खराब प्रदर्शन को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) टीम सवालों के घेरे में है। खराब फील्डिंग की समस्या पाकिस्तान खिलाड़ियों को विरासत में मिली है, लेकिन एक बात और है, जो जगजाहिर है और वो है इंग्लिश बोलने का मसला।
ये किसी से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों का इंग्लिश में हाथ टाइट है। बाकी खिलाड़ी तो छोड़िए, खुद कप्तान बाबर आजम (Babar Azam) तक को ढंग से इंग्लिश बोलनी नहीं आती है, लेकिन इसके बावजूद अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने पाकिस्तान की वाइट बॉल और रेड बॉल टीम के लिए विदेशी कोचों की नियुक्ति कर दी है। ऐसे में अब इस पर सवाल खड़े होने लगे हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने PCB से विदेशी कोचों की नियुक्ति को लेकर कड़वे सवाल पूछे हैं, जिनके जवाब देते हुए PCB ने अपने ही खिलाड़ियों को एक्सपोज करवा दिया।
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कर्स्टन और गिलेस्पी बने Pak कोच
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बता दें कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने रविवार को लाहौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान की वनडे, T20 और टेस्ट टीम के नए कोचों के नामों की घोषणा की है। PCB चीफ मोहसिन नकवी खुद मीडिया से मुखातिब हुए। T20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) से ठीक पहले PCB ने साउथ अफ्रीका के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) को पाकिस्तान की वाइट बॉल टीम का हेड कोच बनाया है। वहीं जेसन गिलेस्पी को टेस्ट टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया है। विदेशी कोचों की नियुक्ति को लेकर PCB को मीडिया के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने PCB चीफ मोहसिन नकवी से पूछा-
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हम क्यों विदेशी कोचों की ओर भागते हैं। आप यकीन कीजिए पाकिस्तानी खिलाड़ियों को इंग्लिश नहीं आती है। आप अपने पाकिस्तान के कोचों पर भरोसा क्यों नहीं करते?
Pak मीडिया के इस कड़वे सवाल पर PCB चीफ नकवी ने जवाब में कहा-
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मैंने अपनी सारी पावर सेलेक्शन कमेटी को दे दी है। हमने एक कॉम्बिनेशन बनाया है। हमारे मुल्क में भी बहुत टैलेंट मौजूद है, लेकिन बहुत सारी चीजें हैं, जिसमें हम पीछे हैं। हम मेडिकल साइंस में बिल्कुल आगे नहीं हैं। फिटनेस का मसला है, क्यों है, क्योंकि हम पीछे हैं। देश की अर्थव्यवस्था पीछे है तो मानना पड़ेगा कि पीछे है। जद्दोजहद करनी पड़ेगी कि इसको ठीक करने के लिए। अपनी गलतियाों की पहचान कर उसे ठीक करना ही मकसद होता है और अगर आप आंखें बंद कर लें कि हम कर लेंगे तो फिर कुछ नहीं हो सकता। बेस्ट ऑफ द बेस्ट क्यों लाए हैं, क्योंकि टीम के लिए बेहतर हो जाए। इन 11-15 खिलाड़ियों के लिए बेहतर हो जाए। पाकिस्तान के लोगों का क्रिकेट से बहुत जुड़ाव है, उसे देखते हुए इन सभी लोगों का कॉम्बिनेशन बनाया है। जहां तक रही भाषा वाली समस्या तो अजहर मौजूद हैं और अच्छी बात है, अगर किसी को इंग्लिश नहीं आती तो वो इंग्लिश सीखेगा।
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर अजहर महमूद असिस्टेंट कोच के रूप में पाकिस्तान टीम के साथ अपनी सेवाओं को जारी रखेंगे, जिन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के लिए अस्थाई तौर पर नियुक्त किया गया था। अजहर अच्छे से इंग्लिश बोल लेते हैं, लेकिन सवाल ये है कि खिलाड़ी डायरेक्ट कैसे विदेशो कोचों से संपर्क करेंगे।
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Published April 29th, 2024 at 16:49 IST
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