Updated May 10th, 2024 at 09:57 IST
EXCLUSIVE/ 'धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान की आत्मा पर आखिरी कील साबित होगा', बोले PM मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इन्होंने माइनोरिटी का खेल खेलने के लिए खुद संविधान बदलना चाहते हैं इसलिए इन्होंने ये चिल्लाहट शुरू की है।
- प्रधान सेवक
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रिपब्लिक भारत पर एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के साथ इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आरक्षण संविधान को लेकर बड़ा बयान दिया। पीएम मोदी ने बताया कि धर्म के आधार पर आरक्षण का मतलब है देश के संविधान की आत्मा में आखिरी कील। पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू में बताया कि कैसे देश का संविधान बनने के बाद कांग्रेस ने संविधान पर हमले किए और उसे तोड़ना चाहा।
पीएम मोदी ने बताया कि कांग्रेस ने सबसे पहले संविधान पर फिजिकली हमला तब किया था, जब नंदलाल बोस के चित्रों को हटाया था। नंदलाल बोस के साथ ये कोई चित्र नहीं था, उसमें एक संदेश था कि हजारों साल की हमारी संस्कृति का एक नई कड़ी हमारा संविधान है। इसीलिए उन्होंने हजारों साल की संस्कृति को जोड़ते हुए एक पेंटिंग बनाई थी। बहुत सोच विचारकर संविधान की बॉडी बनाई गई थी। मैं संविधान की आत्मा की बात बाद में करता हूं मैं अभी उसकी बॉडी की बात कर रहा हूं। ये चित्र मामुली बात नहीं थी चित्रों में सिर्फ राम और कृष्ण के ही चित्र नहीं थे बल्कि इसमें गणराज्यों की भी चर्चा की गई है, जिसमें पूरे देश का सांस्कृतिक इतिहास था। इस चित्र को कांग्रेस ने सबसे पहले खत्म कर दिया। ये भारतीय संविधान पर पहला फिजिकल हमला था।
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संविधान की बॉडी के बाद किया आत्मा पर हमला
पीएम मोदी ने आगे बताया कि बॉडी पर हमला करने के बाद उन्होंने संविधान की आत्मा पर हमला किया। कैसे किया आइए आपको बताता हूं। भारतीय संविधान का जो सबसे पहला सुधार पंडित नेहरू जी ने किया उन्होंने फ्रीडम ऑफ स्पीच पर प्रतिबंध लगाया इसका मतलब उन्होंने संविधान की आत्मा पर चोट की। जो दुनिया के सामने खुद को लोकतांत्रिक बताते हैं उन्होंने ऐसा किया। पहले संविधान की शरीर पर हमला किया फिर आत्मा पर हमला किया अब वो संविधान की भावना पर हमला कर रहे हैं।
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PM Narendra Modi on Republic
संविधान को कूड़े के बॉक्स में डाल दिया
संविधान की भावना है हमारे देश के फाइड्रोस्ट्रक्चर की 16 से ज्यादा बार 356 का इस्तेमाल करके बिना कारण सरकारें तोड़ दीं गईं। ये संविधान की भावना पर कुठाराघात था। फिर इमरजेंसी लाए उन्होंने संविधान को पूरी तरह एक डस्टबिन बॉक्स में डाल दिया, ये हाल कर दिया। यानि कि सामान्य मानवी के लिए अब ये फिर से संविधान समाप्त करने का खेल खेल रहे हैं।
संविधान को लेकर शातिर जेब कतरों का दिया उदाहरण
आपने देखा होगा कि जो बड़े शातिर जेब कतरे होते हैं वो बस में चढ़ जाते हैं वो बटुआ चुराते हैं और उसे खुद रख देते हैं। फिर एक लड़का दौड़ता है और पहले चुराने वाला शख्स चिल्लाएगा वो चोर-चोर मेरा बटुआ ले गया। अब जितने लोग हैं सब अपना बटुआ चेक करते हैं लेकिन जिसका गायब होता है वो उस भागते हुए लड़के के पीछे भागता है और असली चोर बगल में खड़ा हुआ है। मैं उनको जेब कतरा नहीं बोल रहा हू्ं ऐसे छोटे शब्दों का उपयोग मैं नहीं करता हूं। ऐसा ही मोदी संविधान बदलेगा। ये बात तो मैंने कभी बोली ही नहीं न कभी मैंने ऐसा सोचा है। मैं तो संविधान को जन-जन तक पहुंचाना चाह रहा हूं।
PM Narendra Modi on Republic
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माइनोरिटी के लिए कांग्रेस बदलना चाहती है संविधान
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इन्होंने माइनोरिटी का खेल खेलने के लिए खुद संविधान बदलना चाहते हैं इसलिए इन्होंने ये चिल्लाहट शुरू की है कि आपके कानों में वही आवाज आए। वो संविधान बदलना चाहते हैं वो धर्म के आधार पर संविधान बदलना चाहते हैं जो संविधान की आत्मा पर आखिरी कील होगी।वो आखिरी बाण होगा संविधान की आत्मा पर।
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धर्म के आधार पर आरक्षण सेक्युलिरिज्म पर वार
पीएम मोदी ने आगे बताया कि संविधान सभा पर लोगों ने महीनों चर्चा की और उस चर्चा में नेहरू को छोड़ दीजिए बाकी सब सनातनी थे और सबने मिलकर ये तय किया कि हमारे दलितों को आरक्षण मिलना चाहिए। हमारे आदिवासियों को आरक्षण मिलना चाहिए। हमारे ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिए। चू्ंकि धर्म के आधार पर पहले एक देश बन चुका था इसलिए इस देश में धर्म के आधार पर आरक्षण कैसे मिलना चाहिए। अगर आप धर्म के आधार पर आरक्षण की बात करते हो तो आप सेक्युलिरिज्म पर भी वार कर रहे हो और ये भी यही कर रहे हैं इसीलिए देश चिंतित है।
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Published May 10th, 2024 at 09:55 IST
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