अपडेटेड 21 July 2024 at 20:26 IST
World Heritage Committee: 'हमें अपनी विरासतों के जरिये दिलों को जोड़ना है', बोले PM मोदी
New Delhi: प्रधानमंत्री ने आज विश्व धरोहर समित के 46वें सेशल का उद्घाटन किया।
- प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी
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New Delhi: प्रधानमंत्री ने आज विश्व धरोहर समित के 46वें सेशल का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें अपनी विरासतों के जरिये दिलों को जोड़ना है।
आपको बता दें कि भारत में पहली बार विश्व धरोहर समिति की बैठक का आयोजन किया गया है। भारत मंडपम में यह सेशन 21 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगा।
'भारत गुरु पूर्णिमा का पवित्र पर्व मना रहा है'
PM मोदी ने कहा- 'भारत गुरु पूर्णिमा का पवित्र पर्व मना रहा है। ऐसे अहम दिन 46वीं विश्व धरोहर कमेटी की बैठक का आयोजन भारत में पहली बार हो रहा है। हर ग्लोबल आयोजन की तरह ये इवेंट भी भारत में सफलता के नए कीर्तिमान गढ़ेगा। अभी मैं विदेशों से वापस लाई गई प्राचीन धरोहरों की प्रदर्शनी देख रहा था। बीते वर्षों में 350 से ज्यादा भारत की प्राचीन धरोहरों को वापस लाएं हैं। प्राचीन धरोहरों को वापस लाना इतिहास के प्रति सम्मान के भाव को दिखाता है।'
उन्होंने कहा- 'विश्व धरोहर सूची में आने के बाद इनकी लोकप्रियता बढ़ेगी, दुनिया का आकर्षण बढ़ेगा। आज के आयोजन में दुनिया के कौन-कौने से एक्सपर्ट आए हैं। ये अपने आप में समिट की समृद्धि को दर्शाता है। ये आयोजन भारत की उस धरती पर हो रहा है, जो विश्व की प्राचीनतम जीवंत सभ्यताओं में से एक हैं। भारत इतना प्राचीन हैं, यहां वर्तमान का हर बिंदु किसी ना किसी गौरवशाली अतीत की गाथा कहता है। दुनिया दिल्ली को भारत की राजधानी के रूप में जानती हैं, लेकिन ये शहर हजारों साल पुरानी विरासतों का केंद्र भी है।'
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'भारत की विरासत केवल एक इतिहास नहीं'
प्रधानमंत्री ने कहा- 'भारत की विरासत केवल एक इतिहास नहीं, भारत की विरासत एक विज्ञान भी है। केदारनाथ मंदिर, आज भी भौगोलिक रूप से दुर्गम है, लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलकर या हेलिकॉप्टर से जाना पड़ता है। वो स्थान आज भी किसी कंस्ट्रक्शन के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। केदारनाथ घाटी में इतने बड़े मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था। उसकी इंजीनियरिंग कठोर वातावरण और ग्लेशियर का ध्यान रखा गया, वो मंदिर आज तक अटल है।'
उन्होंने कहा कि भारत का विश्व को आह्वान आइये हम जुड़े, एक दूसरे की विरासत आगे बढ़ाने के लिए, मानव कल्याण की भावना के विस्तार के लिए, टूरिज्म को बढ़ाने के लिए, रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए आइये हम जुड़ें। विकास के दौर में विरासत को नजरअंदाज किया जाने लगा था। भारत का विजन है, विकास भी, विरासत भी। भारत ने विरासत पर गर्व का संकल्प लिया है।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 21 July 2024 at 20:17 IST