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Updated April 17th, 2024 at 16:16 IST

Explainer: इजरायल में कुत्ता भी नहीं मार सका ईरान, कैसे? जानिए एयर डिफेंस सिस्टम के बारे में सबकुछ

Israel thwarted Iran Attack: इजरायल के मल्टी-लेयर्ड डिफेंस सिस्टम ने देश को बड़े हमले से बचाया। आइए इसके बारे में समझते हैं।

Reported by: Kunal Verma
Explainer How Israel thwarted Iran attack
इजरायल में कुत्ता भी नहीं मार सका ईरान | Image:Republic/AP
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Israel thwarted Iran Attack: इजरायल के मल्टी-लेयर्ड डिफेंस सिस्टम ने बड़े ईरानी हमले से देश को बचाया। आपको बता दें कि ईरान ने 300 से ज्यादा ड्रोन और लॉन्ग-रेंज मिसाइल से इजरायल पर हमला किया था, लेकिन ईरान बिलबिलाता रह गया और इजरायल में एक कुत्ता भी मारने में वो पूरी तरह से नाकामयाब रहा।

Photo: AP

इजरायली डिफेंस सिस्टम की पूरी स्टोरी

इजरायली डिफेंस सिस्टम एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जिसके एक नहीं, बल्कि कई हिस्से हैं।

द ऐरो सिस्टम (The Arrow system): ये एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल का एक समूह है, जो लॉन्ग रेंग के मिसाइल को रोकने का काम करता है। इसे अमेरिका के साथ साझेदारी करके बनाया गया है। इसमें ऐरो-2 इजरायल की सीमा के अंदर घुसे बैलिस्टिक मिसाइल को भी मार गिराने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, ऐरो-3 धरती के वायुमंडल के बाहर मिसाइल को मार गिराने की क्षमता रखता है। इसे यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा लॉन्च किए गए लॉन्ग रेंज की मिसाइल को मार गिराने के लिए तैनात किया गया था।

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द डेविड्स स्लिंग (The David’s Sling): ये इजरायल का मिडियम रेंज एयर डिफेंस सिस्टम है, जो क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल और एयरक्राफ्ट को मार गिराने की क्षमता रखता है। 300 किलोमीटर की रेंज के साथ, इसमें आसान पहचान के लिए एक एडवांस रडार भी है।

द आयरन डोम (The Iron Dome): यह इजरायल का स्वदेशी शॉर्ट रेंज डिफेंस सिस्टम है, जो रॉकेट, तोपखाने के गोले और मोर्टार बम को नष्ट करने की क्षमता रखता है। 70 किमी के रेंज के साथ यह शॉर्ट रेंज के रॉकेट को आसानी से नष्ट कर सकता है।

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अमेरिका निर्मित पैट्रियट PAC-2 और PAC-3: यह सबसे पुराना एयर डिफेंस सिस्टम है, जो कई तरह के मिसाइल, एयरक्राफ्ट और ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है। इसे सबसे पहले इराकी मिसाइल को नष्ट करने के लिए साल 1991 में फर्स्ट गल्फ वॉर के दौरान तैनात किया गया था।

F-16 और F-35 फाइटर जेट: यह एयर डिफेंस में अहम रोल निभाता है।

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इसके अलावा इजरायल एक आयरन बीम का भी निर्माण कर रहा है, जो लेजर टेक्नोलॉजी के किसी भी खतरे के नष्ट करने में सक्षम होगा।

Photo: AP

इजरायल ने ईरानी हमले को कैसे नाकाम किया?

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायल का एयर डिफेंस टर्मिनल स्टेज में प्रोजेक्टाइल को टारगेट करता है, जब वे हमला करने वाले होते हैं। एयर डिफेंस सिस्टम सोर्स पर या इजरायल पर गिरने से पहले भी खतरे को नष्ट कर सकता है। क्रूज मिसाइल की अपेक्षा बैलिस्टिक मिसाइल को ट्रैक करना आसान होता है। इसके अलावा ईरान ने 72 घंटे पहले इजरायल को अलर्ट कर दिया था कि वो हमला करने वाला है, जिसके कारण इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम को हाई अलर्ट पर करने के लिए काफी समय मिल गया।

अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, अमेरिकी मिलिट्री सेंट्रल कमांड के अंतर्गत ईरान के पास स्थित ठिकानों ने पहले ही बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन हमले की रडार वॉर्निंग दे दी थी। इसके बाद जब मिसाइल को डिटेक्ट कर लिया जाता है तो एयर डिफेंस सिस्टम उसे आसानी से नष्ट कर देता है। आपको बता दें कि अमेरिकी मिलिट्री फोर्स ने भी इजरायल को इस बड़े खतरे से निपटने में काफी मदद दी।

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ये भी पढ़ेंः मिडिल ईस्ट में तनाव से बदलेंगे 'दोस्त'! ईरानी हमले को लेकर भारत की प्रतिक्रिया के क्या हैं मायने?

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Published April 17th, 2024 at 16:16 IST

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