अपडेटेड 21 July 2024 at 16:39 IST
क्या है निपाह वायरस जिससे केरल में 14 वर्षीय किशोर की हुई मौत? जानिए लक्षण, इलाज की पूरी डिटेल
Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस की वजह से एक 14 साल के किशोर की मौत हो गई।
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस की वजह से एक 14 साल के किशोर की मौत हो गई। इसके बाद पूरे देश में इस वायरस को लेकर हड़कंप मच गया है।
आपको बता दें कि 2018 के बाद से केरल में पांच बार निपाह का प्रकोप हुआ है। अब तक केवल 6 संक्रमित मरीज को बचाया जा सका है। इनमें 2018 में कोझिकोड में एक मरीज, दूसरा 2019 में कोच्चि में, और 2023 में कोझिकोड में चार मरीज शामिल हैं। 2018 में, 18 संक्रमित मरीजों में से 17 लोगों की मौत हो गई थी, और 2021 में एक मौत हुई। इसके अलावा 2023 में निपाह से दो मौतें हुईं। अब 2024 में एक 14 वर्षीय किशोर की भी मौत हो गई।
क्या है निपाह वायरस?
WHO की वेबसाइट के अनुसार, निपाह वायरस (NiV) एक जूनोटिक वायरस है (यह जानवरों से मनुष्यों में फैलता है) और दूषित भोजन के जरिए या सीधे लोगों के बीच भी फैल सकता है। संक्रमित लोगों में यह स्पर्शोन्मुख (सबक्लिनिकल) संक्रमण से लेकर तीव्र श्वसन बीमारी और घातक एन्सेफलाइटिस तक कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है। यह वायरस सूअर जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है, जिसके कारण किसानों को महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान हो सकता है।
इन पॉइंट्स में समझिए
- मनुष्यों में निपाह वायरस का संक्रमण कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है, जिसमें बिना लक्षण वाले संक्रमण (सबक्लिनिकल) से लेकर तीव्र श्वसन संक्रमण और घातक एन्सेफलाइटिस शामिल हैं।
- मामले में मृत्यु दर 40% से 75% के बीच रहने का अनुमान है।
- निपाह वायरस जानवरों (जैसे चमगादड़ या सूअर) या दूषित खाद्य पदार्थों से मनुष्यों में फैल सकता है और सीधे इंसान से इंसान में भी फैल सकता है।
- टेरोपोडिडे परिवार के फ्रूट चमगादड़ निपाह वायरस के नैचुरल होस्ट हैं।
आपको बता दें कि निपाह वायरस (NiV) पहली बार 1998 और 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में घरेलू सूअरों में दिखाई दिया था, जब बीमारी को कंट्रोल करने के लिए 1 मिलियन से अधिक सूअरों को नष्ट कर दिया गया था। यह रोग सूअरों और घोड़ों जैसे अतिसंवेदनशील जानवरों में सांस और कभी-कभी तंत्रिका संबंधी लक्षण पैदा करता है और इसमें विनाशकारी जूनोटिक क्षमता हो सकती है।
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2014 में, फिलीपींस में मनुष्यों में NiV का प्रकोप हुआ था, जिसका कारण संक्रमित घोड़ों की हत्या के दौरान दूषित तरल पदार्थों के सीधे संपर्क और अधपके मांस का सेवन था। मनुष्यों में NiV मामलों की हाल ही में रिपोर्टें आई हैं, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट और लंबे समय तक संपर्क से जुड़े हैं। संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों के लिए सावधानियां जरूरी हैं।
निपाह वायरस के संभावित शुरुआती लक्षण
- बुखार
- सिरदर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- खांसी और खराब गला
- डायरिया
- उल्टी करना
- मांसपेशियों में दर्द और गंभीर कमजोरी
लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के चार से 14 दिनों के भीतर शुरू होते हैं। पहले बुखार या सिरदर्द होना और बाद में खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी श्वसन समस्याएं विकसित होना आम बात है।
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डायग्नोसिस और टेस्ट
संक्रमण के पहले चरण के दौरान निपाह वायरस की पुष्टि के लिए पोलीमरेज चेन रिएक्शन (RT-PCR) टेस्ट कराया जा सकता है। यह टेस्ट इन तरीकों से किया जा सकता हैः
- नाक या गले का स्वैब
- यूरीन सैंपल
- ब्लड सैंपल
(Note: अगर आपको निपाह वायरस से संक्रमण के कोई लक्षण दिखते हैं, तो अपने नजदीकी डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।)
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 21 July 2024 at 16:33 IST