अपडेटेड 1 October 2024 at 07:47 IST
Gandhi Jayanti 2024 Geet Ideas: साबरमती के संत, एकला चलो रे...! गांधी जयंती पर गाएं ये 3 गीत
What songs would Gandhi like? गांधीजी का पसंदीदा गाना कौन सा है? गांधी जी का प्रिय गीत कौन सा था? जानें इस लेख के माध्यम से...
- लाइफस्टाइल न्यूज़
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What was Gandhi's favourite song? गांधी जयंती बड़े धूमधाम से हर साल 2 अक्टूबर को मनाते हैं। वहीं हम 2024 में गांधी जी की 155वीं पुण्यतिथि मना रहे हैं। बता दें कि हर साल इस दिन स्कूलों में या कॉलेजों में कई कार्यक्रम मनाए जाते हैं। ऐसे में इस दिन यदि आप कोई प्यारा सा गीत गाना चाहते हैं तो यहां दिए गए आइडियाज आपके काम आ सकते हैं।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप गांधी जयंती के मौके पर आप कौन से गीत गा (Which songs are liked by gandhiji?) सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...
1 - “साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल”
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
{दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल}
आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
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दे दी हमें आजादी...
धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई
दागी न कहीं तोंफ न बंदूक चलाई
दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई
वाह रे फकीर खूब करामात दिखाई..
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चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल
{साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल}
दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
शतरंज बिछा कर यहा बैठा था ज़माना
लगता था की मुश्किल है फिरंगी को हराना
टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था ताना
पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना
मारा वो कस के दांव कि उल्टी सभी की चाल
{साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल}
दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े
मजदूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े
हिन्दू और मुसलमान सिख पठान चल पड़े
कदमों पे तेरे कोटि कोटि प्राण चल पड़े
फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल
{साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल}
दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी
लाखों में घूमता था लिये सत्य की सोंटी
वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी
लेकिन तुझे झुकती थी हिमालय की भी चोटी
दुनियां में तू बेजोड़ था इन्सान बेमिसाल
{साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल}
दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
जग में कोई जिया है तो बापू तू ही जिया
तू ने वतन की राह में सबकुछ लुटा दिया
मांगा न कोई तख्त न तो ताज भी लिया
अमृत दिया सभी को मगर खुद जेहेर पिया
जिस दिन तेरी चिता जली रोया था महाकाल
{साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल}
दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
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2 - वैष्णव जन तो तेने कहिये
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
पर दुःखे उपकार करे तो ये,
मन अभिमान न आणे रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
सकल लोकमां सहुने वंदे,
निंदा न करे केनी रे ।
वाच काछ मन निश्चळ राखे,
धन धन जननी तेनी रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
समदृष्टि ने तृष्णा त्यागी,
परस्त्री जेने मात रे ।
जिह्वा थकी असत्य न बोले,
परधन नव झाले हाथ रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
मोह माया व्यापे नहि जेने,
दृढ़ वैराग्य जेना मनमां रे ।
रामनाम शुं ताली रे लागी,
सकल तीरथ तेना तनमां रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
वणलोभी ने कपटरहित छे,
काम क्रोध निवार्या रे ।
भणे नरसैयॊ तेनुं दरसन करतां,
कुल एकोतेर तार्या रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
पर दुःखे उपकार करे तो ये,
मन अभिमान न आणे रे ॥
3 -"एकला चलो रे"
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे,
एकला चलो, एकला चलो,
एकला चलो रे,
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
जोदी केउ कोथा ना कोए
ओ रे ओ ओभागा,
केउ कोथा ना कोए ।
जोदी सोबाई थाके मुख फिराए
सोबाई कोरे भोई,
जोदी सोबाई थाके मुख फिराए
सोबाई कोरे भोई,
तोबे पोरान खुले
ओ तुई मुख फूटे तोर मोनेर कोथा ।
एकला बोलो रे…
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
जोदी सोबाई फिरे जाए
ओ रे ओ ओभागा सोबाई फिरे जाई,
जोदी गोहान पोथे जाबार काले केउ
फिरे ना चाय,
जोदी गोहान पोथे जाबार काले केउ
फिरे ना चाय,
तोबे पोथेर काँटा
ओ तुई रोक्तो माखा चोरोनतोले ।
एकला दोलो रे…
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
जोदी आलो ना धोरे
ओ रे ओ ओभागा आलो ना धोरे,
जोदी झोर बादोले आंधार राते
दुयार देये घोरे,
जोदी झोर बादोले आंधार राते
दुयार देये घोरे,
तोबे बज्रानोले
आपोन बुकेर पाजोर जालिये निये ।
एकला जोलो रे…
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
एकला चलो, एकला चलो
एकला चलो रे,
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 1 October 2024 at 07:47 IST