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Updated April 17th, 2024 at 17:18 IST

जन्मे हैं रघुरैया, अवधपुर में बाजे बधैया... श्री राम का सूर्य तिलक देख बोले योगीराज- मैं भाग्यशाली

17 अप्रैल, 2024 को रामनवमी के शुभ दिन शताब्दियों बाद आखिरकार अयोध्या में राम जन्मोत्सव का वो अलौकिक दृश्य दिखाई दिया, जिसका इंतजार 500 सालों से था।

Reported by: Sagar Singh
Shri Ram Surya Tilak Ram Navami
श्री राम के सूर्य तिलक पर आया योगीराज का बयान | Image:PTI
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Ram Navami : जन्मे हैं रघुरैया... अवधपुर में बाजे बधैया... आज पूरे देश में यहीं भक्ति गीत गाया जा रहा है। प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। रामनवमी के इस पावन पर्व पर अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक हुआ। दर्पण और लेंस से युक्त एक विस्तृत तंत्र की मदद के जरिए सूर्य की किरणें श्री राम की मूर्ति के माथे पर पहुंचीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान सूर्य तिलक देखा।

17 अप्रैल, 2024 को रामनवमी के शुभ दिन शताब्दियों बाद आखिरकार अयोध्या में रामजन्मोत्सव का वो अलौकिक दृश्य दिखाई दिया, जिसका इंतजार करोड़ों रामभक्तों को 500 सालों से था। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सूर्य देव ने खुद भगवान राम का सूर्य तिलक किया। सूर्याभिषेक का अद्भुत, अनुपम अलौकिक दृश्य के साक्षी करोड़ों भक्त बने। करीब 3 मिनट तक सूर्य तिलक के दौरान भगवान राम की ललाट की चमक जिसने भी देखी वो मंत्रमुग्ध हो गया।

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अयोध्या राम मंदिर में स्थापित रामलला की मूर्ति

'हमने बस कहानियों में सुना था'

रामलला की इस भव्य मूर्ति को मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। अपनी अद्भुत कला से उन्होंने श्री राम की मूर्ति में सौंदर्य, सौम्य और कोमलता को उकेरा है। इस खास मौके पर उन्होंने कहा- ‘लाखों लोग भगवान राम के दर्शन करने आ रहे हैं। भगवान राम के आशीर्वाद से, मैं भी अपने परिवार के साथ राम लला के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सका। आज के सूर्य तिलक को कभी नहीं भूल सकता। मैं उन वैज्ञानिकों के सामने झुकना चाहता हूं जिन्होंने सूर्य तिलक को संभव बनाया, मैं बहुत भाग्यशाली हूं। मुझे वैज्ञानिकों के साथ भी समय बिताने का मौका मिला, मैं खुद को बेहद भाग्यशाली मानता हूं। हमने यह सब केवल कहानियों में सुना था लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने इसे संभव बना दिया।’

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रामलला का अभिषेक

राम राज्य की तरह गाई बधाइयां

त्रेतायुग में जब भगवान राम का जन्म हुआ होगा, तो शायद सूर्य देव ने इसी तरह स्पर्श किया होगा। श्री राम के जन्म पर किस तरह खुशियां मनाई होगी वो भी कल्पना से परे हैं, लेकिन आज अयोध्या में उसी तरह का नजारा देखने को मिला। राम राज्य की तरह ही बधाइयां गाई गई, जैसी त्रेतायुग में गाई गई होंगी। दुनिया के कौने-कौने में भक्तों ने अपना अराध्य के जन्म का उत्सव मानाया।

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दोपहर 12 बजे हुआ सूर्य तिलक

सीएसआईआर-सीबीआरआई, रुड़की के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डी पी कानूनगो ने कहा- योजना के अनुसार दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक किया गया। गर्भगृह के बाहर इंतजार कर रहे भक्तों ने सूर्य तिलक के दौरान भगवान राम के नारे लगाए, जबकि पुजारी ने अंदर आरती की।

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Published April 17th, 2024 at 17:18 IST

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