अपडेटेड 12 October 2024 at 19:39 IST
Ghaziabad Police Man Adopted: गाजियाबाद से एक दिल को छू लेने वाली खबर सामने आई है। दरअसल गाजियाबाद के वेब सिटी थाना क्षेत्र के डासना इलाके में एक लावारिस नवजात बच्ची के प्रति एक दरोगा ने इतनी ममता दिखाई की उसे गोद लेने का फैसला कर लिया। नवरात्रि के अष्टमी के दिन जब पूरे देश में कन्या पूजन हो रहा था, उसी दिन डासना के पास झाड़ियों में एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम में शामिल चौकी प्रभारी पुष्पेंद्र चौधरी ने उस वक्त बच्ची को पहली बार देखा।
चौकी प्रभारी पुष्पेंद्र चौधरी को बच्ची को देखकर उसे अपनाने का मन हो गया। इसलिए उन्होंने सबसे पहले अपनी पत्नी राशि से कॉल किया और बच्ची के बारे में जानकारी दी। चौकी प्रभारी ने अपनी पत्नी से पूछा कि क्या वो इस बच्ची को अपना सकती हैं?
फोन पर बात करते हुए ही पुष्पेंद्र चौधरी की पत्नी ने सहमति दे दी और कहा कि नवरात्रि के इस पावन अवसर पर यदि घर में एक कन्या आए तो यह सबसे बड़ा आशीर्वाद होगा। पुष्पेंद्र और उनकी पत्नी राशि की शादी 2018 में हुई थी, लेकिन उनके अभी तक कोई संतान नहीं थी। ऐसे में बच्ची को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का निर्णय उनके लिए खास था।
बच्ची को मेडिकल जांच के लिए डासना सीएससी ले जाया गया, जहां उसकी सेहत की जांच की गई। हालांकि कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्ची को सीधे गोद नहीं लिया जा सकता था, इसलिए बाल कल्याण समिति द्वारा बच्ची को एमएमजी हॉस्पिटल की नर्सरी में भर्ती करवाने के निर्देश दिए गए। इस प्रक्रिया के दौरान चौकी प्रभारी पुष्पेंद्र ने बच्ची को कानूनी रूप से गोद लेने की फॉर्मेलिटी शुरू कर दीं।
चौकी प्रभारी पुष्पेंद्र के इस भावनात्मक फैसले ने पूरे पुलिस महकमे में एक सकारात्मक संदेश दिया। नवरात्रि के इस पावन अवसर पर जब कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजा की जा रही थी, तब इस बच्ची का पुष्पेंद्र और उनकी पत्नी द्वारा अपनाया जाना एक अनोखी घटना बन गई।
बाल कल्याण समिति ने स्पष्ट किया कि बच्ची को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया को पूरी करना अनिवार्य है। इसके बाद ही पुष्पेंद्र इस मासूम को औपचारिक रूप से अपनी बेटी बना पाएंगे। पुष्पेंद्र और उनकी पत्नी दोनों इस बच्ची को पाकर बेहद खुश हैं और इसे माता का आशीर्वाद मानते हैं।
पब्लिश्ड 12 October 2024 at 19:31 IST