अपडेटेड 24 November 2025 at 16:20 IST
'घर में शादी है, मां की लाश आएगी तो अपशगुन होगा, फ्रीजर में रखवा दो', कलयुगी बेटों की बात सुनकर पूरा गांव रोया, फिर ऐसे हुआ अंतिम संस्कार
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां कलयुगी बेटों ने अपने ही मां के शव को घर में लाने से इनकार कर दिया और उसे फ्रीजर में रखने की बात कही।
- भारत
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां कलयुगी बेटों ने अपने ही मां के शव को घर में लाने से इनकार कर दिया और उसे फ्रीजर में रखने की बात कही।
आपको बता दें कि बेटों की इस बात को सुनकर पूरा गांव रो पड़ा। ग्रामीणों ने उन बेटों को खूब कोसा और बताया कि कैसे उन बेटों ने अपने माता-पिता को वृद्धा आश्रम में जाने के लिए मजबूर किया था।
क्या है पूरा मामला?
कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के भरोहिया ग्राम पंचायत में रहने वाले 68 साल के भुआल गुप्ता और उनकी पत्नी 65 साल की शोभा देवी के 6 बच्चे हैं। उन्होंने अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। फिर बच्चे बड़े हो गए और उन्होंने अपने माता-पिता को ही बोझ मान लिया और घर छोड़कर जाने को कह दिया।
गुस्से में पति-पत्नी घर छोड़कर निकल गए और राजघाट नदी पर पहुंच गए। हालांकि, आसपास के लोगों ने उन्हें समझाया और मथुरा जाने की सलाह दी। दोनों पहले अयोध्या गए और फिर मथुरा पहुंचे। कुछ वक्त बाद किसी ने उन्हें एक वृद्धा आश्रम का नंबर दिया।
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वृद्धा आश्रम में पत्नी संग रहने लगे भुआल
जानकारी के मुताबिक, आश्रम चलाने वाले रवि चौबे ने उन्हें अपने वृद्धा आश्रम में बुला लिया, जिसके बाद वो दोनों वहीं रहने लगे। इसके बाद कभी भी उनके बेटों ने उनसे कोई मतलब नहीं रखा। हालांकि, दंपति अपने छोटे बेटे से कभी-कभी बात कर लेते थे।
आश्रम संचालक के मुताबिक, 19 नवंबर को शोभा देवी की तबियत अचानक बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उन्हें शोभा देवी की दोनों किडनी खराब होने की बात बताई। इसके बाद रात में ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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'फ्रीजर में रखवा दो'
जब छोटे बेटे को मां की मौत की जानकारी दी गई तो उसने कहा कि भाई से पूछकर बताता हूं। 10 मिनट बाद उसने वापस फोन करके कहा कि घर में भैया के लड़के की शादी है। लाश यहां आई तो अपशगुन होगा। लाश को फ्रीजर में रखवा दीजिए। हम 4 दिन बाद अंतिम संस्कार करेंगे।
ये बात सुनकर वृद्ध पिता को अपने कान पर यकीन नहीं हुआ। वो बिलख-बिलख कर रोने लगे। फिर इस बात की जानकारी बेटियों को लगी। उसके बाद उन्होंने शव को अपने पास लाने को कहा और फिर बेटियों ने ही शव को घाट तक पहुंचाया। इसके बाद लोगों की राय पर शव को तीनों बेटियों की मौजूदगी में दफनाया गया।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 24 November 2025 at 16:20 IST