अपडेटेड July 31st 2024, 12:52 IST
Rescue Operation in Wayanad: वायनाड में मूसलाधार बारिश से हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन में अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे भी ज्यादा दुखद और क्या ही होगा कि रेस्क्यू टीम लोगों की जान बचाने के लिए भाग रही है, साथ ही यहां वहां मिल रहे शरीर के अंग यकीनन किसी का भी दिल दहला देने वाले बताए जा रहे हैं। वायनाड में खोज और बचाव अभियानों को लेकर ब्रिगेडियर अर्जुन सेगन ने वहां की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बाता कि, 'जीवित बचे लोगों को निकाला जा रहा है, मैन्युअल खुदाई उपकरणों का उपयोग हो रहा है, साथ ही खोजी कुत्ते भी है, बेहतर पुल बनाने वाले उपकरण के अलावा चिकित्सा टीमें भी हैं।
ऐसा मंजर केरल में पहले कभी नहीं देखा गया। वहीं, कई लोग घायल मिल रहे हैं। यह आपदा जो चूरलमाला, मुंडक्कई, अट्टामाला और नूलपुझा के सुरम्य गांवों में आई यह केरल के इतिहास में सबसे बड़ी आपदाओं में से एक बताई जा रही है। ऐसा तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है कि लगातार शव निकाले जा रहे हैं, कहीं लोगों के शव पड़े मिल रहे हैं तो कहीं शरीर के अंग पड़े मिल रहे हैं। लोगों के मरने की आशंका के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन भी जारी है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि कम से कम 800 लोग कथित तौर पर फंसे हुए हैं और बचाव दल जीवित बचे लोगों को खोजने और बचाने के लिए भाग रहे हैं।
वायनाड में खोज और बचाव अभियानों को लेकर ब्रिगेडियर अर्जुन सेगन ने कहा है कि, 'हमारे पास यह घटना कल रात लगभग 2-2.30 बजे हुई थी... बचाव अभियान कल सुबह से जारी है। कल हम प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण बाधित हुए थे मौसम की स्थिति। आज बहुत बेहतर है... बारिश नहीं हो रही है। हमारे पास सेना, एनडीआरएफ, नौसेना, राज्य पुलिस और वन विभाग के साथ-साथ स्थानीय स्वयंसेवकों से लगभग 500 से 600 बचावकर्मी हैं... हम उन्हें लाने की कोशिश कर रहे हैं।
ब्रिगेडियर अर्जुन सेगन ने आगे कहा कि, 'यह पुल जो बह गया है... हम इसे यथाशीघ्र ऊपर उठाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि हम इंजीनियर और अर्थ-मूविंग उपकरण ले जा सकें और अपने बचाव प्रयास को और ज्यादा कुशल बना सकें, वर्तमान में, हम मैन्युअल खुदाई उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं।
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वायनाड में खोज और बचाव अभियानों को लेकर ब्रिगेडियर अर्जुन सेगन ने बताया कि, 'आज सुबह तक, मरने वालों का आंकड़ा 150 को पार कर गया... बड़ी संख्या में जीवित लोगों को भी बचाया गया है और जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। खोजी कुत्ते, बेहतर पुल बनाने वाले उपकरण हैं, स्तम्भ, और चिकित्सा टीमें भी हैं। हम आज और कल जो आने वाला है उसके लिए तैयार हैं।'
पब्लिश्ड July 31st 2024, 12:52 IST