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Updated May 23rd, 2024 at 15:55 IST

रात 3 बजे थाने में MLA, जांच में 8 घंटे की देरी...पुणे पोर्श कांड में रईसजादे को बचा रही पुलिस?

पुणे में पोर्श कार से दो लोगों की हत्या के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक इस केस में एक MLA की भी एंट्री थी।

Reported by: Ankur Shrivastava
Pune Porsche crash: NCP MLA latenight visit, delay in alcohol test raise questions
Pune Porsche crash: NCP MLA latenight visit, delay in alcohol test raise questions | Image:PTI
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Pune Porsche Murder Case: पुणे में पोर्श कार से दो लोगों की हत्या के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक इस केस में एक MLA की भी एंट्री थी। विधायक घटना के तुरंत बाद यानी की देर रात करीब 3 बजे उस पुलिस स्‍टेशन पहुंचे थे, जहां पोर्श कार का चालक (नाबालिग रईसजादा) बैठाया गया था। दावा ये भी किया जा रहा है कि विधायक के प्रभाव के चलते ही युवक के ब्‍लड अल्कोहल जांच में 8 घंटे की देरी की गई।

आपको बता दें कि पुणे के कल्याणी में काम करने वाले इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्वनी कोष्टा की इस हादसे में करीब 2 बजे मौत हो गई थी। 17 साल के लड़के द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार की पोर्शे कार ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी।

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पुलिस स्‍टेशन में मौजूद थे NCP विधायक सुनील तिंगरे

जानकारी के मुताबिक अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के विधायक सुनील तिंगरे 19 मई की रात को येरवडा पुलिस स्टेशन में मौजूद थे।  विपक्ष के मुताबिक टिंगरे पुलिस पर दबाव बना रहे थे। सुनील तिंगरे ने इन आरोपों पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि सुबह 3:21 बजे मेरे पीए की तरफ से फोन आया कि एक बड़ा हादसा हो गया है। इसके बाद कई कार्यकर्ताओं और विशाल अग्रवाल (नाबालिग के पिता) की भी कॉल मेरे पास आई।

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विशाल अग्रवाल ने बताया कि मेरे बेटे को कुछ लोगों ने पीटा है। इसके बाद मैं पुलिस स्टेशन पहुंचा। फिर पुलिस ने मुझे सूचना दी। इसके बाद मैंने पुलिस से कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा। मैंने मृतक के परिजनों से भी बात की।

तिंगरे ने कहा, मैंने पब और बार के खिलाफ उन्होंने हमेशा स्टैंड लिया है। तिंगरे बोले- राजनीति में आने से पहले मैं विशाल अग्रवाल के साथ काम करता था। यही उनके और मेरे बीच का रिश्ता है। मैंने मृतक के परिजनों की मदद की। मैं थाने के सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग करता हूं।

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पुणे पुलिस भी कटघरे में

इस बीच पुणे पुलिस को भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि पुलिस ने जानबूझकर हल्का केस बनाया। इसकी वजह से आरोपी को 15 दिनों के लिए सामाजिक कार्य करने की शर्त पर जमानत मिल गई। 

पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने इस मामले पर कहा, “दुर्घटना के बाद पुलिस टीम स्थिति और भीड़ को संभालने में व्यस्त थी। हां, मैं मानता हूं कि ब्लड सैंपल टेस्ट कराने में देरी हुई। लड़के को सुबह 9 बजे के आसपास ससून अस्पताल ले जाया गया और लगभग 11 बजे नमूना एकत्र किया गया। हम देरी के पीछे का कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं।''

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Published May 23rd, 2024 at 15:46 IST

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