अपडेटेड 30 May 2024 at 18:16 IST

Pune Porsche Case: बुरे फंसे ससून हॉस्पिटल के डॉक्टर्स, दोनों आरोपियों को 5 जून तक कस्टडी में भेजा

Pune Porsche Case: पुणे पोर्शे केस में बड़ा अपडेट सामने आया है। ससून हॉस्पिटल के दोनों डॉक्टर्स को 5 जून तक कस्टडी में भेजा गया है।

Follow : Google News Icon  
Pune hit and run case
Pune hit and run case | Image: ANI

सत्य प्रकाश शर्मा

Pune Porsche Case: पुणे पोर्शे केस में बड़ा अपडेट सामने आया है। ससून हॉस्पिटल के दोनों डॉक्टर्स को 5 जून तक कस्टडी में भेजा गया है।

कोर्ट में पुणे क्राइम ब्रांच की दलील

  • 19 तारीख को हुई घटना में ससून हॉस्पिटल के दो डॉक्टर और एक सफाई कर्मचारी ने आरोपी के ब्लड सैंपल जिस सिरिंज में लिए थे, उस सिरिंज को फेंक दिया गया और किसी दूसरे व्यक्ति का सैंपल लिया गया।
  • ऐसा पता लग रहा है कि वो सैंपल किसी महिला का था जो नाबालिग की मां बताई जा रही है।
  • हम जांच करना है कि किसके बोलने पर और किसके प्रेशर में ये किया गया, इसे पता लगाना है और समझना है।
  • रिकॉर्ड्स में पता लगा है कि नाबालिग के पिता और तावड़े के बीच सोशल मीडिया अकाउंट्स और व्हाट्सएप कॉल पर बात हुई है।
  • अब तक हमने 3 लाख रुपए रिकवर किए हैं।
  • तावड़े ने भी इस मामले पैसे लिए हैं या नहीं, ये समझना है।
  • हमने इस एफआईआर में नाबालिग के पिता पर 322 और 324 किडनैपिंग का केस दर्ज किया है।
  • विशाल अग्रवाल ने इस मामले में कई लोगों को फंसाया है।
  • ससून हॉस्पिटल के सीसीटीवी में घाटकांबले और हरनौर नजर आ रहे हैं या नहीं, ये समझना है और इसकी जांच करनी है। अब तक तीन लाख रुपये पकड़े गए हैं।
  • ये भी समझना है कि किसकी मौजूदगी में पैसे लिए गए थे।
  • हमे पता चला है कि पैसे ऐसी जगह लिए गए जहां सीसीटीवी नहीं लगाया गया था।
  • व्हाट्सएप और सीडीआर जब्त करने के बाद ये पता लगा है कि  सभी ने एक दूसरे से फ्रीक्वेंटली बात की है।
  • नाबालिक आरोपी का सैंपल को फेंककर किसी और के सैंपल का रिपोर्ट बनाया गया।
  • दोनों आरोपी का एक दूसरे के आमने-सामने बैठ पूछताछ जरूरी है।

तावड़े के वकील विपुल दुष्यंत की दलील

  • व्हाट्सएप और कॉल डिटेल्स गिरफ्तारी के दिन और कोर्ट में पेश करने के एक दिन पहले ही जब्त कर लिया गया था।
  • एक फोन कॉल से ये कैसे मान लिया जाए कि तावड़े इस क्राइम में शामिल थे?
  • किसी भी सीसीटीवी या पैसे के लेन देन में तावड़े का नाम नहीं है।
  • सेक्शन 213 मतलब रिश्वत लेना और 214 मतलब रिश्वत देना, दोनों आईपीसी की धारा लगाने का कोई मतलब नहीं बनता।
  • ये प्रोग्रेस नहीं, फाइनल कस्टडी होनी चाहिए। अब पुलिस कस्टडी की जरूरत नहीं है।
  • पुणे क्राइम ब्रांच ने पहले ही आर्थिक और फोन के डिटेल्स ले लिया है।

ये भी पढ़ेंः अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को उम्रकैद की सजा, होटल कारोबारी जया शेट्टी की करवाई थी हत्या

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 30 May 2024 at 17:30 IST