अपडेटेड 14 February 2025 at 09:35 IST
President Rule Manipur: किसी राज्य में कब लगता है राष्ट्रपति शासन, मणिपुर ने सबसे अधिक बार देखे ऐसे हालात
Manipur President Rule: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है, जिससे राज्य की शक्तियां अब राष्ट्रपति और केंद्र सरकार के पास आ जाएंगी।
- भारत
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President Rule in Manipur: विधानसभा का कार्यकाल 3 साल बचे होने पर भी मणिपुर अब केंद्र के अधीन हो गया है। आसान शब्दों में कहें तो मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। राष्ट्रपति शासन का मतलब होता है राज्य सरकार को निलंबित करना और केंद्र का सीधा शासन लागू करना। केंद्र सरकार संबंधित राज्य का सीधा नियंत्रण अपने हाथ में ले लेती है और राज्यपाल उसका संवैधानिक मुखिया बन जाता है। अभी 13 फरवरी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के राज्यपाल अजय भल्ला से रिपोर्ट मिलने के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू की घोषणा की।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी उद्घोषणा में कहा गया है कि मणिपुर विधानसभा की शक्तियों को संसद को हस्तांतरित कर दिया जाएगा, जिससे राज्य सरकार का अधिकार प्रभावी रूप से निलंबित हो जाएगा। इस आदेश के तहत राज्यपाल की शक्तियों का प्रयोग अब राष्ट्रपति के हाथों में होगा और राज्य विधानमंडल का अधिकार संसद के पास आ जाएगा।
संविधान का अनुच्छेद 356 क्या कहता है?
अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू होने से राज्य सरकार के सभी कार्य केंद्र को और राज्य विधानमंडल के कार्य संसद को सौंप दिए जाते हैं। ये प्रक्रिया तब शुरू होती है, जब राज्यपाल से रिपोर्ट मिलने पर राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट होते हैं कि ऐसी स्थिति बन चुकी है, जिसमें राज्य की सरकार इस संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती है। उसके बाद राष्ट्रपति अनुच्छेद 356 के तहत एक उद्घोषणा जारी करते हैं।
राष्ट्रपति की उद्घोषणा दो महीने तक लागू रह सकती है, लेकिन इसे बढ़ाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में प्रस्ताव लाया जाता है। जहां मंजूरी मिलने पर राष्ट्रपति शासन की घोषणा को छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में संसद तीन साल तक के लिए 6 महीने के विस्तार को भी मंजूरी दे सकती है।
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किसी राज्य में किन परिस्थितियों में लगता है राष्ट्रपति शासन
- अगर राष्ट्रपति को लगता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती।
- राज्य सरकार उस राज्य के राज्यपाल की ओर से निर्धारित समय के भीतर किसी नेता को मुख्यमंत्री के रूप में चुनने में असमर्थ है।
- गठबंधन टूटने के कारण मुख्यमंत्री को सदन में अल्पमत का समर्थन मिले और मुख्यमंत्री दिए गए समय में बहुमत साबित करने में विफल रहे।
- सदन में अविश्वास प्रस्ताव के कारण विधानसभा में बहुमत साबित करने में असफलता।
- प्राकृतिक आपदा, युद्ध या महामारी जैसी स्थितियों के कारण चुनाव स्थगित होना की स्थिति में
मणिपुर ने देश में सबसे अधिक बार राष्ट्रपति शासन देखा
मणिपुर में सबसे पहले 21 जनवरी 1972 में राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा जारी हुई थी। उस समय की स्थिति ये थी कि मणिपुर नया नया राज्य बना था। विधानसभा चुनाव होने और निर्वाचित सरकार बनने तक संविधान के अनुबंधों के तहत सरकार चलाना संभव नहीं थी। इसलिए राज्य के अस्तित्व में आते ही यहां राष्ट्रपति शासन लगा। हालांकि 1 नवंबर 1956 को मणिपुर संघ राज्यक्षेत्र परिषद अधिनियम 1956 के अंतर्गत एक केंद्र शासित प्रदेश था और उस दौरान 3 राष्ट्रपति शासन वो देख चुका था।
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1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद मणिपुर में अलग-अलग स्थितियों में 28 मार्च 1973, 16 मई 1977, 14 नवंबर 1979, 28 फरवरी 1981, 7 जनवरी 1992, 31 दिसंबर 1993, 2 जून 2001 को राष्ट्रपति शासन की घोषणा की गई। अब 13 फरवरी 2025 को 11वीं बार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 14 February 2025 at 09:35 IST