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Updated November 22nd, 2018 at 11:58 IST

जम्मू-कश्मीर की राजनीति में छिड़ा घमासान, राम मधव और उमर अब्दुल्ला आमने-सामने

बीजेपी नेता राम माधव ने विधानसभा भंग होने को लेकर गठबंधन में शामिल पार्टियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई है. जिसपर उमर अब्दुल्ला ने पलटवार किया.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक पारा परवान पर है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार की रात राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी और सरकार बनाने का दावा पेश करने वाली 'कश्मीर फ्रंट' के बीच सियासी घमासान शुरू हो गया है. बीजेपी नेता राम माधव ने विधानसभा भंग होने को लेकर गठबंधन में शामिल पार्टियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई. जिसके बाद J&K के सियासत में घमासान छिड़ गया. 

बीजेपी नेता राम माधव ने 'कश्मीर फ्रंट' पर आरोप लगाते हुए बोला, 'पीडीपी और एनसी ने पिछले महीने स्थानीय निकाय चुनाव का बहिष्कार इसलिए किया था क्योंकि उनको पास सीमा पार से निर्देश आए थे. मतलब इस बार भी उनको सरकार बनाने का निर्देश सीमा पार से ही आया होगा. इसीलिए उन्होंने इस पूरे प्रकरण क अंजाम दिया.'

बीजेपी नेता राम माधव के इस बयान का जवाब देते हुए उमर अब्दुल्ला ने चैलेंज किया कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं उसे साबित करके दिखाए. इस दौरान अब्दुल्ला ने ट्वीट कर बीजेपी पर जोरदार हमला बोल दिया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'आपके पास तो Raw, NIA और IB पर नियंत्रण है (CBI तो आपका तोता है) तो लोगों के सामने सबूत पेश करने की हिम्मत रखो. अगर साबित नहीं कर सकते तो माफी मांगो. गंदी राजनीति करने की कोशिश ना करो.'

उमर अब्दुल्ला के इस ट्वीट के बाद राम माधव ने उनका जवाब देते हुए कहा कि आपकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठा रहा हूं. लेकिन सरकार मनाने की मंशा को लेकर एनसी और पीडीपी के बीच अचानक से उमड़े प्यार पर संदेह और राजनीतिक टिप्पणी होना लाजमी है. आपको अपमानित नहीं कर रहा हूं.

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार की रात राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था. जिसके कुछ देर पहले ही पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गठबंधन कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इस गठबंधन में पीडीपी, एनसी और कांग्रेस शामिल थे. इसके साथ ही विधानसभा को भंग कर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू कश्मीर के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गई है. 

इसके साथ ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए कहा, 'हफ्ता दस दिन से मैं देख रहा था बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त हो रही थी. महबूबा जी खुद ही शिकायत कर रही थीं कि मेरी पार्टी को तोड़ने की कोशिश हो रही है. कुछ लोग कह रहे थे कि ये लोग एक गठबंधन बनाने की कोशिश में हैं.. इन्होंने कभी एक साथ सरकार बनाई नहीं है.. ये एक तरह से अवसरवादी गठबंधन था. सत्ता पाने के लिए ये गठबंधन हो रहा था. ये वो लोग है जो चुनाव के खिलाफ थे.'

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Published November 22nd, 2018 at 11:45 IST

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